पैरालंपिक में दो मेडल जीतने वाले निषाद कुमार को अभी नौकरी के नाम महज आश्वासन ही मिले हैं। पिछली सरकार में भी निषाद कुमार को मेडल जीतने पर नौकरी देने का दावा तो किया गया पर धरातल पर कुछ नहीं हुआ। इस बार भी मौजूदा मुख्यमंत्री की ओर से निषाद को बधाई संदेश तो मिला है। नौकरी कब मिलेगी, इसको लेकर स्थिति साफ नहीं।
निषाद कुमार के कोच नदीम अहमद का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में निषाद इकलौता खिलाड़ी हैं। जिन्होंने पैरालंपिक में बैक टू बैक देश को पदक दिलवाए हैं। इनामी राशि को लेकर कोच की ओर से यह मांग भी उठाई गई कि पैरालंपिक में मेडल विजेता को राज्य सरकार की ओर से जो उचित सम्मान निधि मिलती है। वह अवश्य मिलनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो दूसरे खिलाड़ियों का मनोबल भी गिरेगा। नदीम अहमद ने कहा कि वह हरियाणा से हैं और वहां निषाद कुमार जैसे खिलाड़ियों को चार करोड़ की इनामी राशि सरकार से मिलती है और नौकरी भी।
निषाद को दुख, पदक जीतने पर मंत्री, नेता ने बधाई तक नहीं दी
निषाद कुमार को भी इस बात का दुख है कि दुनिया में भारत का नाम रोशन करने के बावजूद प्रदेश के किसी मंत्री अथवा नेता ने फोन पर उन्हें बधाई देना भी मुनासिब नहीं समझा। निषाद ने कहा कि इस बार जो कुछ कमी रही है। उसे अगली बार पूरा करेंगे। पिछली सरकार में सरकारी नौकरी को लेकर मिले आश्वासन के सवाल पर निषाद ने कहा कि इस बारे में वह क्या कह सकते हैं। वह अपनी ओर से कोशिश कर रहे हैं। पैरालंपिक में रजत पदक के बाद मुख्यमंत्री का संदेश भी उन्हें मिला। वह उनका इसके लिए आभार जताते हैं।
निषाद को खीर पसंद
शुक्रवार को निषाद के स्वागत के लिए मैहतपुर आई उनकी मां पुष्पा देवी ने बताया कि वह निषाद की सबसे फेवरेट डिश खीर उसे खिलाएंगी। उसके लिए डेरा बाबा रुद्रानंद आश्रम से मां पुष्पा विशेष रूप से चरणामृत और चूरी का प्रसाद लेकर मैहतपुर पहुंचीं और निषाद को प्रसाद खिलाया।