सेब का अब तब 90 फीसदी कारोबार हो चुका है। कृषि उपज मंडी समिति (एपीएमसी) शिमला-किन्नौर में अब तक 1.02 करोड़ सेब की पेटियों का कारोबार हो चुका हैं। गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष छह लाख ज्यादा पेटियों का कारोबार हुआ है।
एपीएमसी शिमला-किन्नौर में अब तक 1,02,77,032 करोड़ सेब की पेटियों का कारोबार हो चुका है। इसकी फल मंडियों में 49,63,902 लाख पेटियों का कारोबार हुआ है जबकि एपीएमसी के मार्केटिंग यार्ड से बाहर 53,13,130 सेब की पेटियों की खरीद-फरोख्त हुई। वहीं गत वर्ष 27 सितंबर तक 96,24,042 लाख सेब की पेटियों का कारोबार हुआ था। इसमें 42,82,989 लाख पेटियां फल मंडियों में पहुंची थीं और 53,41,053 लाख पेटियों का कारोबार एपीएमसी के मार्केटिंग यार्ड से बाहर हुआ था। इस वर्ष सबसे ज्यादा सेब कारोबार पराला मंडी में हुआ है। यहां अभी तक 20,17,751 पेटियां पहुंच चुकी हैं।
इस वर्ष बागवानों को गत साल के मुकाबले दाम भी बेहतर मिले हैं। हालांकि अभी करीब दो हफ्तों से दाम में गिरावट आई है। गत साल सेब की एक पेटी के अधिकतम 4300 रुपये तक दाम मिले थे, वहीं इस वर्ष अधिकतम दाम प्रति पेटी 5 हजार रुपये तक रहा है। अगस्त के आखिरी सप्ताह तक गत वर्ष के मुकाबले तीन लाख कम सेब की पेटियां मंडियों में पहुंची थीं, इसके बाद ऊपरी शिमला से सेब की आवक बढ़ी। जिले के निचले और मध्यम इलाकों के मुकाबले ऊपरी शिमला में इस वर्ष सेब की अच्छी पैदावार रही। हालांकि इस वर्ष जिले में सेब सीजन देरी से शुरू हुआ है। इसके बावजूद कारोबार में बढ़ोतरी देखने को मिली है। गत वर्ष जहां 12 जून से फल मंडियों में सेब पहुंचना शुरू हो गया था, वहीं इस वर्ष 27 जून से फल मंडियों में सेब की फसल पहुंचनी शुरू हुई।
यूनिवर्सल कार्टन से हुआ फायदा
इस वर्ष सरकार की ओर से सेब कारोबार के लिए लागू किया गया यूनिवर्सल कार्टन बागवानों के हित में रहा। इस वर्ष सीजन अच्छा रहा। इस दौरान दुर्घटना, अनहोनी और ट्रैफिक से संबंधित किसी भी तरह की समस्या देखने को नहीं मिली। सीजन देरी से शुरू होने के बाद भी अभी तक छह लाख ज्यादा पेटियों का कारोबार हो चुका है