हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बिना अनुमति फेरी लगा कर सामान बेचने वालों के खिलाफ लगातार आम जनता द्वारा शिकायतें की जाती थी और इन पर अंकुश लगाने की मांग होती रहती थी। इसी के तहत हमीरपुर के साथ लगती ग्राम पंचायत दडूही में ग्राम सभा में बिना पंजीकरण के फेरी वाले और किन्नर समुदाय द्वारा खुशी के मौके पर ली जाने वाली राशि को निर्धारित करने को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया है।
बता दें कि पंचायत में अब कोई भी फेरी वाला बिना पंचायत की अनुमति के नहीं घूम सकता, उसे पंचायत से परमिशन लेकर ही फेरी लगानी होगी। किन्नर समुदाय के लोग लोगों से मुंह मांगे पैसे ऐंठ रहे हैं, जबकि कुछ लोग उनके मुंह मांगे दाम देने में असमर्थ होते हैं और उनको काफी मुश्किल होती है। इस पर भी पंचायत ने राशि को निर्धारित किया है और तय की गई राशि ही उन समुदाय के लोगों को देनी होगी और उन्हें इसे स्वीकार करना होगा अन्यथा पंचायत उनके ऊपर कार्रवाई करेगी।
पंचायत प्रधान उषा बिरला ने कहा कि कुछ असामाजिक लोग जो पंचायत के इर्द-गिर्द नशे का व्यापार या जुआ खेलते पकड़े गए तो पुलिस विभाग के साथ पंचायत उनके ऊपर कड़ी कार्रवाई या सजा दिलाई जाएगी।
उषा बिरला ने बताया कि ग्राम सभा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। उन्होंने कहा कि पंचायत में बिना अनुमति के फेरी वाले नहीं घूम सकते हैं। अगर कोई फेरी वाला बिना अनुमति के पंचायत में घूमता हुआ मिला तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि किन्नर समुदाय के लोग जो मुंह मांगे पैसे ऐंठ रहे हैं, अब पंचायत के लोग 3100 रुपए ही किन्नर समुदाय के लोगों को दिए जाएंगे।
वहीं प्रधान ने ग्राम पंचायत में स्वच्छता कायम रखने का आह्वान करते हुए कहा कि जिन लोगों ने किराएदार रखे हैं, उनको भी अपने किरायेदारों को सफाई के लिए जागरूक करना होगा। मकान मालिक से पंचायत द्वारा निर्धारित शुल्क भी लिया जाएगा।