बिशप कॉटन स्कूल शिमला सहित हिमाचल प्रदेश की तीन और संस्थाएं विदेश से फंड ले सकेंगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इनका विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकरण कर लिया है। इन संस्थाओें ने अपने पंजीकरण के लिए आवेदन किए थे। प्रदेश से कई संस्थाएं विदेशों से फंडिंग के लिए पंजीकृत हैं। इनका हर वर्ष नवीकरण होता है। नई पंजीकृत संस्थाएं वे हैं, जो या तो पंजीकृत नहीं थीं या फिर उन्हें बीच में नवीकरण न होने पर दोबारा से पंजीकरण के लिए आवेदन करना पड़ा। पिछले पांच साल में कुछ अन्य संस्थाओं का भी पंजीकरण हुआ है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह जानकारी संबंधित वेबसाइट पर साझा की है।
बिशप कॉटन स्कूल शिमला को शैक्षणिक संस्था के रूप में और आरआई साई मंगलम सेंट्रल ट्रस्ट एच. नं. 777 वीपीओ ओल्ड कांगड़ा को सांस्कृतिक, शैक्षणिक एवं सामाजिक संस्था के रूप में पंजीकृत किया गया है। एक अन्य संस्था लियो उर्जियान छोलिंग इंस्टीट्यूट मैनेजमेंट कमेटी लियो उप तहसील हंगरंग किन्नौर को बौद्ध धार्मिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक और सामाजिक संस्था के रूप में पंजीकृत किया गया है। इस वर्ष विदेशी फंड के लिए कुल 321 संस्थाओं का पंजीकरण किया गया है। वर्ष 2023 में हिमाचल प्रदेश की दो संस्थाओं के आवेदन ही इस पंजीकरण के लिए मंजूर किए गए थे।
इनमें तांग्युड गोंपा बौद्ध सोसायटी शाक्य मठ काजा लाहौल स्पीति को सांस्कृतिक, शैक्षिक और सामाजिक संस्था के रूप में और वेद धारा शिक्षा शर्मा निवास ग्राम बेला नादौन को भी शैक्षिक संस्था के रूप में इसके लिए मंजूरी दी गई। वर्ष 2022 में ग्यूतो तांत्रिक मोनास्ट्री को भी पंजीकृत किया गया था। इसे बौद्ध धार्मिक और शैक्षिक की श्रेणी में रखा गया है। 2021 में ग्लोबल हैंड्स फॉर रूरल डवेलपमेंट समूला डाकघर फरेड़ तहसील पालमपुर को सामाजिक, निर्मल खन्ना मेमोरियल सोसायटी सुंगल थीसिल पालमपुर को सांस्कृतिक व सामाजिक तथा द्ज़ोंगसर खेंत्से चोकी लोद्रो संस्थान चौंतड़ा तहसील जोगिंद्रनगर को सांस्कृतिक, शैक्षिक व सामाजिक संस्थाओं की श्रेणी में यह पंजीकरण मिला। हालांकि, वर्ष 2020 में किसी संस्था का यह पंजीकरण नहीं हो पाया था।