मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि भोटा अस्पताल को राधा स्वामी सत्संग के सिस्टर संगठन को दिया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार एक ऑर्डिनेंस लाएगी। इसके लिए अधिकारियों की बैठक बुलाई गई है इस संबंध में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीत सत्र में सभी वैधानिक पहलुओं पर विचार किया जाए। यह जानकारी मुख्यमंत्री सुक्खू ने रविवार को ओक ओवर शिमला में दी।
‘भाजपा सरकार सेंकती रही राजनीतिक रोटियां’
उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने तो इस संबंध में उचित कदम नहीं उठाए, वह तो राजनीतिक रोटियां ही सेंकती रही। सीएम सुक्खू ने रविवार को अपने सरकारी निवास ओक ओवर शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कहा कि भोटा अस्पताल की जमीन को राधा स्वामी ब्यास सत्संग संस्था अपने सिस्टर कनसर्न्ड ऑर्गेनाइजेशन को देना चाह रही है। इसमें लैंड सीलिंग एक्ट के तहत ही अड़चन आ रही है। यह एक चैरिटेबल अस्पताल है। इसमें हमीरपुर के लोगों का मुफ्त इलाज होता है।
उन्होंने कहा कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास इसे इसलिए हस्तांतरित करना चाह रहा है कि इस पर जीएसटी लगता है। राधा स्वामी सत्संग ब्यास वाले तो सेवाभाव से ही इस अस्पताल को चला रहे हैं। वे तो लोगों की सेवा कर रहे हैं तो अतिरिक्त पैसा देना उचित नहीं है। इसलिए इसे हस्तांतरित करना चाहते हैं। इस पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया है।
‘कानून में बदलाव करना पड़ा तो करेंगे’
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि राधा स्वामी सत्संग जैसी संस्थाएं लोगों की सेवाएं कर रही हैं। इस संबंध में अगर कोई प्रावधान किया जा सकता है तो इस पर सभी विधि पहलुओं पर विचार करेंगे। शीतकालीन सत्र में इस पर विचार-मंत्रणा की जाएगी और अगर कानून में कोई बदलाव करना पड़ा तो उसे भी करेंगे।
4-जी सुविधा से जुड़ा लाहौल स्पीति का रारिक गांव : सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि लाहौल-स्पीति जिले के दूरवर्ती गांव रारिक को हाईस्पीड 4-जी ब्रॉडबैंड सेवा सुविधा दी गई है। यह उपलब्धि बीएसएनएल के सहयोग से संभव हुई है। इससे इस ठंडे और दूरदराज क्षेत्र के लोगों की आधुनिक दूरसंचार बुनियादी ढांचे तक पहुंच सुनिश्चित हुई है। इस क्षेत्र में तापमान अकसर शून्य डिग्री से नीचे चला जाता है और आधुनिक दूरसंचार अवसंरचना तक पहुंच सीमित रहती है। उन्होंने कहा कि रारिक में नवस्थापित 4-जी साइट को उपग्रह संचार प्रणाली (वीएसएटी) तकनीक का उपयोग कर स्थापित किया गया है। राज्य सरकार ने इस पहल की सफलता सुनिश्चित करने में सक्रिय भूमिका निभाई है। हिमाचल प्रदेश 4-जी संतृप्ति परियोजना में भूमि हस्तांतरण के लिए 100 प्रतिशत अनापत्ति प्रमाण पत्र देने वाला देश का पहला राज्य है।
राज्य के संबंधित विभागों से सभी आवश्यक स्वीकृतियां समयबद्ध और व्यवस्थित रूप से प्रदान की गईं। इससे प्रदेश भर के दूरदराज गांवों में 4-जी टावरों की स्थापना संभव हो पाई है, जहां अब तक कवरेज नहीं थी। उन्होंने कहा कि अब तक 366 वन स्थलों और 46 सरकारी स्थलों के लिए मंजूरी प्रदान की गई है, जो कुल 658 स्थानों को कवर करती हैं। अब तक 294 टावर कार्यशील हो चुके हैं, जबकि 37 अतिरिक्त टावरों पर कार्य प्रगति पर है। सुक्खू ने कहा कि सरकार जनजातीय और दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए गुणवत्तायुक्त और उच्च प्रौद्योगिकी सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने जनजातीय और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के दृष्टिगत अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक पहल करते हुए अपने कार्यकाल के दौरान अप्रैल 2023 में पहला हिमाचल दिवस स्पीति घाटी के काजा में मनाया था।