रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) के अध्यक्ष डॉ. श्रीकांत बाल्दी पद से सेवानिवृत्त हो गए हैं। रेरा के सदस्य आरके वर्मा भी 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। इसके बाद रेरा खाली हो जाएगा। हिमाचल में रेरा में पद चाहने वालों की लाॅबिंग शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि सरकार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने भी रेरा में जाने की इच्छा जताई है। इसके अलावा सेवानिवृत्त अधिकारी भी रेरा में जाने को गोटियां फिट करने में लगे हैं। हालांकि, इसका फैसला हाई पावर कमेटी को करना है। इस कमेटी में मुख्य न्यायाधीश अध्यक्ष होते हैं जबकि शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव और विधि सचिव इसके सदस्य होते हैं। इसके पास आवेदन किए जाते हैं। आवेदन करने के लिए 20 दिन का समय दिया जाता है। अभी हाईपावर कमेटी ने इसके लिए आवेदन नहीं मांगे है।
रेरा में अध्यक्ष के अलावा दो सदस्य होते हैं। श्रीकांत बाल्दी ने 1 जनवरी 2020 को पदभार संभाला था। दो अन्य सदस्य आरके वर्मा और बीसी बडालिया ने भी इसके सदस्य रहे हैं। बीसी बडालिया पहले ही सेवानिवृत्त हो गए थे। हिमाचल में काम करने वाले बिल्डरों का अब रेरा में पंजीकरण होना होता है। उसके बाद ही बिल्डर हिमाचल में आवासीय काॅलोनियों का निर्माण कर सकते हैं। बिल्डर अगर फ्लैट बेचने में लोगों के साथ धोखाधड़ी करता है तो पीड़ितों की शिकायत भी रेरा में ही सुनी जाती है। गलती पाए जाने पर बिल्डरों पर जुर्माना लगाया जाता है। यहीं नहीं अगर बिल्डर मौके पर गलत काम कर रहा है तो इस स्थिति में रेरा के तहत ही बिल्डरों पर कार्रवाई होती है। बताया जा रहा है कि इसी सप्ताह सरकार की ओर से रेरा के लिए लोगों से आवेदन मांगे जाएंगे। अध्यक्ष पद व एक सदस्य के लिए प्रशासनिक सेवाओं का होना अनिवार्य होता है जबकि एक सदस्य के लिए वास्तुकार का अनुभव जरूरी है।