हिमाचल प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन नियम 67 के तहत लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है, जबकि पिछली भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया है। जहां तक पर्यटन निगम के होटलों की बात है तो इनमें विनिवेश जरूरी है। जब प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे तो उस वक्त तो अलग से डिसइनवेस्टमेंट मंत्रालय खोला गया। धर्माणी ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में हिमाचल में बड़े-बड़े घोटाले हुए।
हजार करोड़ रुपये का ऐसा सामान खरीदा गया, जिसका इस्तेमाल ही नहीं किया गया। जगह-जगह पर ढेर लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कार्रवाई होनी चाहिए। भर्तियों में पेपर लीक हुए। ऐसे लोगों को प्रोफेसर लगा दिया गया, जिन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भी ऐसा किया गया। इसकी जांच होनी चाहिए। धर्माणी ने कहा कि बिलासपुर में वाटर स्पोर्ट्स की बात करें तो मुख्यमंत्री के निर्देशों पर वहां पर कई गतिविधियां शुरू की गई हैं। यह कहना सही नहीं कि वहां कुछ नहीं है। आजकल सबसे बड़ा काम ईमानदार होना है। धर्माणी ने कहा कि गेस्ट टीचर मामले में 60 फीसदी अंक वालों को वरीयता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में पूर्व मंत्री की पत्नी को लेक्चरर बनाने के लिए नियम में छूट ली गई।