मुख्यमंत्री सुक्खू बोले- केंद्र ने आपदा के 9,977 करोड़ नहीं दिए तो सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार


 

Himachal Assembly Session CM Sukhu said If Center govt does not give 9977 crores then will go to SC

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल को पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट (पीडीएनए) के 9,977 करोड़ रुपये नहीं दिए तो राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह बात शनिवार को सदन में कही। वह इस संबंध में नियम 130 के तहत लाई गई चर्चा का जवाब दे रहे थे। प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री के उत्तर के बीच हुई नोकझोंक के बीच विपक्ष नारेबाजी करता हुआ सदन से बाहर चला गया और बैठक में नहीं लौटा। उधर, शून्यकाल में भाजपा विधायक राकेश जंबाल की ओर से विधायकों की गाड़ियों पर झंडी लगाने का मामला उठाने के जवाब में सीएम ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि इसको लेकर आगामी बजट सत्र में विचार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा राशि के मामले में वे दिल्ली जाकर केंद्रीय नेताओं से मिलकर हिमाचल को उसका हक देने की मांग उठाएंगे। आग्रह के बावजूद अगर केंद्र सरकार राशि जारी नहीं करती है तो राज्य सरकार के पास सुप्रीम कोर्ट जाने के बजाय कोई रास्ता नहीं बचेगा। सीएम ने कहा कि केंद्र से कोई खैरात नहीं मांगी जा रही है, बल्कि हिमाचल प्रदेश का अधिकार मांगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने इतिहास की सबसे बड़ी आपदा को सहा है। सैकड़ों मौतें हो गईं। आपदा के बाद केंद्र सरकार की टीम आई और 9,977 करोड़ रुपये की प्रत्यक्ष क्षति का आकलन किया। अगर अप्रत्यक्ष तौर देखा जाए तो 12 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। केंद्रीय टीम ने नुकसान का जो आकलन किया है, पिछले एक साल से वही हिमाचल के अधिकार रूप में मांगा जा रहा है।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि जयराम ठाकुर जब मुख्यमंत्री थे तो हिमाचल को राजस्व घाटा अनुदान के रूप में पहले साल केंद्र से 11,431 करोड़ रुपये मिले। दूसरे साल 10,249 करोड़ और उसके बाद तीसरे साल 8058 करोड़ जारी किए गए। 2024-25 में 6258 करोड़ रुपये जारी हो रहे हैं। अगले साल तो यह घटकर 3257 करोड़ रुपये रह जाएगी। यानी यह 8000 करोड़ रुपये कम हो जाएंगे।

सीएम ने कहा कि हिमाचल की जनता के साथ खड़े न होकर सदन में जो व्यवहार भाजपा ने किया है, वह निंदनीय है। अगर विपक्ष के लोगों ने दिल्ली साथ चलना है तो ठीक है, वरना नहीं भी चलना हो तो यह लोग जानें। प्रस्ताव चर्चा के लिए धर्मपुर के कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर ने लाया, जबकि विपक्ष की ओर से विपिन सिंह परमार ने चर्चा में भाग लिया। इससे पूर्व नेता प्रतिपक्ष जयराम ने कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ इस तरह का प्रस्ताव पहली बार लाया जा रहा है। उनकी बात को सुनते हुए स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने केंद्र से मांग के रूप में प्रस्ताव में संशोधन की बात कर इस पर चर्चा शुरू करवाई।

विधायकों की गाड़ियों पर झंडी पर बजट सत्र में होगा विचार
शनिवार को तपोवन में शीत सत्र के अंतिम दिन शून्यकाल के दौरान भाजपा विधायक राकेश जंबाल के मामला उठाने पर मुख्यमंत्री ने इस पर स्थिति स्पष्ट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय में इसके बारे में मंजूरी दी गई थी। अब अगले सत्र में इसको लेकर चर्चा की जाएगी। विधायक जंबाल ने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन हो चुका है। उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, जिला परिषद अध्यक्ष सहित कई अफसरों की गाड़ियों में झंडी लगी है। विधायकों को अपनी पहचान बतानी पड़ रही है, ऐसे में विधायकों की झंडी मिलनी चाहिए।

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