दुल्हन बनने से पहले ही पंजाब के मोहाली में मंगेतर के सामने बिल्डिंग ढहने से दृष्टि की मलबे में दबने से मौत हो गई। दृष्टि (29) ठियोग के सिरयून पंचायत की रहने वाली थी। मार्च में उसकी शदी थी और घर में तैयारियां चल रहीं थीं। यह दुखद सूचना मिलते ही गांव में माहौल गमगीन हो गया। दृष्टि और उसका मंगेतर खरीदारी के लिए मोहाली गए हुए थे, लेकिन इस हादसे ने सबकुछ छीन लिया। सिरयून पंचायत के लोग अपनी बेटी के साथ हुए हादसे से स्तब्ध हैं।
दृष्टि के मंगेतर ने बताया कि शनिवार शाम को वह मोहाली में अपनी मंगेतर का इंतजार कर रहा था। उसने बताया कि दृष्टि घर से कपड़े बदलने आई थी। अचानक जोरदार धमाके की आवाज आई और बिल्डिंग गिर गई। मंगेतर को कुछ समझ में नहीं आया और वह बेहोश हो गया। जब होश आया तो उसने देखा कि मलबे में उसकी मंगेतर का हाथ एक पत्थर के नीचे दबा हुआ था। उसने तुरंत एनडीआरएफ को सूचित किया और मलबे से दृष्टि को बाहर निकाला, लेकिन तब तक वह दम तोड़ चुकी थी। शादी का सपना, जो दोनों ने लंबे समय से देखा था, एक पल में टूट गया। सिरयून पंचायत के प्रधान सुनील वर्मा ने बताया कि दृष्टि उनके मामा की बेटी थी। मामा भगत राम वर्मा की एक हादसे में जान गंवाने के बाद किसी तरह परिवार संभल पाया था। इस हादसे ने परिवार के सभी सदस्यों को तोड़कर रख दिया है। परिवार एक ओर दृष्टि की शादी की तैयारियों में व्यस्त था, लेकिन आज उसके अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहा है।
12 साल पहले हो चुकी है पिता की मौत
करीब 12 साल पहले उनके पति भगतराम इस दुनिया को छोड़ चुके है। दृष्टि के मौसा भूपेंद्र बेकटा ने बताया कि सुनीता ने तीनों बहनों को खूब पढ़ाया लिखाया। तीनों बहने बहुत मेधावी थीं और मां का सहारा बनी हुई थीं। दृष्टि के साथ घटी दुर्घटना के बाद घर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। दृष्टि के ताया चेतराम वर्मा और चाचा देवेंद्र वर्मा प्रयागराज की धार्मिक यात्रा पर गए थे। उन्होंने यह कभी नहीं सोचा था कि उनकी लाडली की मौत की खबर उन्हें इसी दौरान मिलेगी। दृष्टि की दो और बहने हैं। बड़ी बहन शिमला में प्राइवेट नौकरी करती है। छोटी बहन साक्षी मोहाली में ही निजी कंपनी में नौकरी कर रही है। वह पिछले दिन ही घर आई थी और उसके पीछे हादसा हो गया। उसे विश्वास ही नहीं हो रहा कि दृष्टि अब दुनिया में नहीं है। इन तीनों बहनों की मां सुनीता राजस्व विभाग में नौकरी करती हैं।