एमबीबीएस में दाखिला देने के लिए हिमाचल हाईकोर्ट के निर्णय पर रोक

हिमाचल प्रदेश के अटल मेडिकल विश्वविद्यालय में एमबीबीएस प्रवेश मामले में राष्ट्रीय मेडिकल आयोग को सुप्रीम राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने एमबीबीएस में दाखिला देने के हिमाचल हाईकोर्ट के निर्णय पर अंतरिम रोक लगाई है। न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट्ट और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की खंडपीठ ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया है कि एमबीबीएस में दाखिला देने के आदेशों पर लगाई गई रोक याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगी। मामले की सुनवाई 25 सितंबर को निर्धारित की गई है।हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने संजना ठाकुर को एमबीबीएस में प्रवेश न देने पर राष्ट्रीय मेडिकल आयोग और अटल मेडिकल विश्वविद्यालय को दो-दो लाख रुपये मुआवजा अदा करने के आदेश दिए थे। इसके अलावा आयोग और विवि को 10-10 हजार की कॉस्ट भी लगाई थी। अदालत ने याचिकाकर्ता संजना ठाकुर को एमबीबीएस में दाखिला देने के आदेश भी पारित किए थे। मंडी जिले की संजना ठाकुर ने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने अटल मेडिकल विवि में एमबीबीएस की दो खाली सीटों को भरने की गुहार लगाई थी। दलील दी गई थी कि दो अभ्यर्थियों के फर्जी दस्तावेज पाए जाने के कारण एमबीबीएस की दो सीटें खाली रह गई हैंयाचिकाकर्ता ने नीट में 508 अंक प्राप्त किए है। जबकि 508 अंकों वाली रिया सिंह को एमबीबीएस में प्रवेश दिया गया है। अब दो सीटें खाली होने के कारण याचिकाकर्ता का प्रवेश संभव हो सकता है। विवि प्रशासन की ओर से अदालत को बताया गया कि कार्तिक शर्मा और शिवानी शर्मा के फर्जी दस्तावेज पाए जाने के कारण दो सीटें खाली रह गई हैं। सीटों को भरने के लिए 17 जनवरी 2023 को राष्ट्रीय मेडिकल आयोग को पत्राचार किया गया था। अदालत ने अपने निर्णय में कहा था कि एमबीबीएस की पढ़ाई नवंबर 2022 को शुरू हो गई है और राष्ट्रीय मेडिकल आयोग और अटल मेडिकल विवि ने अभी तक इस मामले में जवाब दायर नहीं किया है।अदालत ने कहा था कि प्रतिवादियों के इस गैर जिम्मेदाराना व्यवहार से याचिकाकर्ता को एमबीबीएस में समय पर प्रवेश नहीं मिल पाया। अदालत को बताया गया था कि एमबीबीएस की प्रवेश के लिए अंतिम तिथि 29 दिसंबर 2022 थी। अब इस मामले में याचिकाकर्ता को प्रवेश नहीं दिया जा सकता है। अदालत ने अपने निर्णय में कहा था कि यदि आयोग ने समय से जवाब दिया होता तो याचिकाकर्ता को प्रवेश मिल सकता था। अटल मेडिकल विवि की कार्यप्रणाली के बारे में अदालत ने कहा था कि उसने 17 जनवरी 2023 को आयोग को खाली सीटों के बारे में बताया। हालांकि एमबीबीएस मेें प्रवेश 29 दिसंबर 2022 थी। अदालत ने पाया था कि आयोग और विवि के गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण याचिकाकर्ता  को एमबीबीएस में दाखिला नहीं दिया गया।

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