मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी दो शिकायतों में ढाई करोड़ की रिश्वत मांगने के मामले में सीबीआई ने ईडी शिमला कार्यालय में शनिवार को फिर दबिश दी। सुबह करीब 11 बजे से अपराह्न चार बजे तक कई दस्तावेज खंगाले। वहीं मामले में एक और बिचाैलिया गिरफ्तार किया गया है।
बिचौलिए को चंडीगढ़ की एक विशेष अदालत में पेश किया, जहां से उसे एक दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया। पांच घंटे तक सीबीआई छानबीन कर वापस चंडीगढ़ आ गई। मामले में शिमला के ईडी कार्यालय का कुछ स्टाफ बदला दिया है। चंडीगढ़ में तैनात एक संयुक्त निदेशक को हटाकर दिल्ली मुख्यालय में अटैच कर दिया।
उधर, शिमला से फरार रिश्वत मांगने का मुख्य आरोपी ईडी का सहायक निदेशक विशाल दीप सिंह अभी भी फरार है। उसे सस्पेंड कर दिया है। सीबीआई एक महीना पहले से शिमला में तैनात ईडी के सहायक निदेशक विशाल दीप सिंह के खिलाफ जांच में जुट गई थी, लेकिन सुबूत न मिलने से कार्रवाई नहीं कर पा रही थी। इसी बीच मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े दो मामलों में ढाई करोड़ की रिश्वत मांगने की शिकायत मिलते ही सीबीआई ने 24 दिसंबर को शिमला ईडी कार्यालय में छापा मारा। इससे पहले ही सहायक निदेशक एक बिचौलिए साथी के साथ फरार हो गया, जबकि उसका भाई सीबीआई ने रिश्वत के 55 लाख के साथ हरियाणा के जींद में दबोच लिया।
आरोपी सहायक निदेशक विशाल दीप की एक साल पहले ही ईडी में प्रतिनियुक्ति हुई थी। इससे पहले वह कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड में तैनात रहा है। उसे उसके विभाग में वापस भेजने की तैयारी है।
गुरुग्राम पहुंची सीबीआई की टीम
आरोपी के गिरफ्तार भाई विकाश दीप सिंह ने सीबीआई को बताया कि उसका मोबाइल गुरुग्राम स्थित कोठी में है। सीबीआई आरोपी का फोन रिकवर करने के लिए गुरुग्राम पहुंच गई है। उसके मोबाइल की लोकेशन से पता चल सकेगा कि आरोपी विशाल दीप कहां और किस लोकेशन में था।