अब सिंचाई योजना में गड़बड़झाले पर सरकार ने बैठाई जांच, विजिलेंस को दिया जा सकता है मामला


 

Himachal News Now the government has ordered an inquiry into the irregularities in the irrigation scheme

ठियोग की क्यार और कमाह पंचायत के लिए बनी सिंचाई योजना के पाइप ट्रायल में फटने के मामले में सरकार ने जांच बैठा दी है। सरकार ने जांच का जिम्मा जल शक्ति विभाग के इंजीनियर इन चीफ को सौंपा है और हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है।

सरकार ने पूछा है कि जब मौके पर सिंचाई के पाइप बिछाए जा रहे थे उस समय अधिकारी कहां थे। विकास कार्यों में क्यों लापरवाही बरती गई। पाइप जमीन के नीचे दबाने के बजाय खुले में क्यों छोड़े गए। इस मामले की जांच विजिलेंस को सौंपने की भी तैयारी चल रही है। अमर उजाला ने 6 जनवरी के अंक में ट्रायल में पाइप फटने का मामला प्रमुखता से उठाया था।

सूत्र बताते हैं कि ठेकेदार ने टेंडर कम रेट पर लिया था, ऐसे में उसने पाइप खुले में छोड़ दिए। पानी के लिए बनाए चेंबर भी फट गए हैं। इनमें भी गुणवत्ता वाला कार्य नहीं हुआ है। स्थानीय लोगों ने बार-बार काम की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें की थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब अधिकारी योजना का स्थानीय लोगों से फीडबैक ले रहे हैं।

करीब सवा तीन करोड़ से क्वार खड्ड से बनाई उठाऊ सिंचाई योजना पहले ही सवालों के घेरे में रही है। निम्न गुणवत्ता के पाइप इस्तेमाल करने की शिकायत एक कांग्रेस नेता ने एसडीएम कार्यालय ठियोग में की। एसडीएम ने जांच करने के आदेश दिए थे। पाइपें फटने से पंचायतों के लोगों में रोष व्याप्त है और मांग कि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

मामले में जांच बिठा दी गई है। जल शक्ति विभाग के इंजीनियर इन चीफ को जांच कर रिपोर्ट एक हफ्ते में देने को कहा है। उसके बाद लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी

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