
हिमाचल व बाहरी राज्यों के आईएएस अधिकारियों को सरकारी कोष से लाखों का सेब बांटने के आरोप से जुड़े मामलों को सरकार ने रेरा से रिकार्ड तलब किया है। इस मामले में कितनी सच्चाई है। सरकार ने रेरा कर्मचारियों को तथ्यों के साथ रिपोर्ट देने को कहा है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीसीपी) मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि तथ्य वैरीफाई करने पर ही स्थिति स्पष्ट होगी।
रेरा के अध्यक्ष रहे श्रीकांत बाल्दी पर यह आरोप लगे हैं। सोशल मीडिया में भी बीते दिन दिनों से सेब से जुड़े मामले की खूब चर्चा है। आरोप है कि राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार में वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को सेब की पेटियां भेजी गई। वर्ष 2020 से लेकर यह पेटियां भेजी गई। केंद्र सरकार से सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों के घरों में भी सेब की पेटियां भेजी गई है। सेब की खरीद हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पाद, विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (एचपीएमसी) से की गई है। हाई क्लालिटी का रायल व गोल्डन सेब आईएएस अधिकारियों को भेजा गया है। सेब की कीमत लाखों बताई जा रही है। यह भी आरोप है कि तीन सालों तक ये सेब की पेटियां भेजी गई।