बच्चों ने मां-बाप को भी लगाई चिट्टे की लत, 20 परिवार हो गए आदी, दवा बताकर चखा दिया सफेद नशा

Himachal Pradesh Children also made their parents addicted to chitta 20 families got addicted

नशे के लिए घर से पैसे नहीं मिले तो बच्चों ने मां-बाप को भी चिट्टा चखा दिया। किसी ने घुटने के दर्द की दवा बताई तो किसी ने अन्य बहाना बनाकर धोखे से परिजनों को इस चक्रव्यूह में फंसाया। एक-दो नहीं, बल्कि ऐसे करीब 20 परिवार हैं, जो इस लत के शिकार हो गए हैं। नशे की ऐसी लत लगी है कि मां-बाप खुद पैसा देकर चिट्टा मंगवा रहे हैं। पैसे कम पड़ गए तो रिश्तेदारों से उधार लिया। अब उधार नहीं मिल रहा तो गहने-बर्तन और पेड़ों को बेचकर नशे का इंतजाम किया जा रहा है।

यह सनसनीखेज मामला मंडी जिला मुख्यालय से करीब 43 किलोमीटर दूर बिलासपुर जिला की सीमा पर स्थित सुंदरनगर उपमंडल के सलापड़ क्षेत्र का है। यहां एक साल के भीतर तीन युवा जान गंवा चुके हैं। लेकिन नशा माफिया का खौफ इतना है कि कोई कुछ कहने को तैयार नहीं। पुलिस चौकी है पर नशेड़ी और नशे का धंधा करने वाले बेलगाम हैं। यहां खंडहर में बदले सरकारी आवासीय काॅलोनी नशेड़ियों का अड्डा बन गई है। बिलासपुर के बरमाणा और मंडी के सलापड़ को जोड़ने के लिए सतलुज नदी पर एक पुल भी बना हुआ है। ज्यादातर धंधा इसी पुल से चलता है। चेन बनाकर सलापड़ से होते हुए जंजैहली, सराज, शिमला के रोहडू, कोटखाई और ठियोग तक नशा पहुंचाया जा रहा है। निशाने पर सेब उत्पादक क्षेत्र के युवा और पैसे वाले परिवारों के बच्चे हैं। नशे का धंधा करने वाले बाकायदा चेन बनाकर नशे की मुफ्त डोज का ऑफर दे रहे हैं। दो नए ग्राहक बनाने पर डोज मुफ्त मिल जाती है।

मां को नशे से निकालने में जुटीं बेटियां
एक परिवार के बेटे ने मां को घुटने के दर्द की दवा बताकर चिट्टे की डोज दे दी। दर्द से राहत मिली तो मां ने दूसरे दिन फिर वही दवा मांग ली। सिलसिला चलता रहा। इसी बीच मां को नशे की लत लग गई। नशे के लिए धीरे-धीरे सारी जमा पूंजी खत्म हो गई। तब मां और बेटे ने रिश्तेदारों से उधार लेना शुरू कर दिया। बार-बार उधार मांगने और दोनों का व्यवहार बदलने पर रिश्तेदारों को शक हुआ। बाद में पता चला कि दोनों ने घर के बर्तन, रसोई गैस सिलिंडर और पेड़ तक बेच दिए हैं। रिश्तेदारों ने घर की शादीशुदा दो बेटियों को इसकी जानकारी दी। बेटियां अब मां और भाई को नशे के इस दलदल से निकालने में जुटी हैं।

जहरीली शराब से गई थी सात लोगों की जान
सलापड़ क्षेत्र चिट्टा जैसे नशे के लिए ही चर्चाओं में नहीं है। इससे पहले यहां जहरीली शराब का मामला भी सामने आया था। जनवरी 2022 में सलापड़ और कांगू क्षेत्र में जहरीली शराब के सेवन से सात लोगों की मौत हो गई थी।

कई लोग चिट्टे के गुलाम हो चुके हैं। हर दिन चिट्टा बेचने और नशा करने वाले पकड़े जा रहे हैं। कई युवा जान गंवा चुके हैं। परिवारों के हालात खराब हैं। सरकार गंभीरता से कार्रवाई करे, जिससे परिवारों को उजड़ने से बचाया जा सके- चुनी लाल, समाजसेवी

पुलिस चिट्टे समेत अन्य नशे के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। बॉर्डर एरिया में भी लगातार कार्रवाई की जा रही है। भविष्य में और सख्ती से यहां अभियान चलाते हुए कार्रवाई की जाएगी- साक्षी वर्मा, पुलिस अधीक्षक मंडी

आदर्श नशा निवारण व पुनर्वास केंद्र मंडी में नशे के आदी मरीजों को बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं। यहां किशोरावस्था से लेकर बुजुर्ग तक नशे पहुंच रहे हैं। मरीजों को दवाएं, खाना और हर तरह की सुविधा निशुल्क दी जाती है। – डॉ. दुष्यंत ठाकुर, एमओ इंचार्ज, आदर्श नशा निवारण व पुनर्वास केंद्र मंडी

मंडी-कुल्लू में 758 लोग नशे को कह चुके अलविदा
आदर्श नशा निवारण मुक्ति केंद्र 2021 में मंडी जिला के सदर विधानसभा में बनाया गया था। केंद्र में 2021 से लेकर आज तक करीब 219 लोग नशे को अलविदा कह चुके हैं। यहां अब सिर्फ चार मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इसी तरह महिलाओं के लिए कुल्लू के भुंतर में केंद्र बना है। 2022 में शुरू हुए इस केंद्र में अभी तक 541 महिलाओं का उपचार हो चुका है। यहां अब सिर्फ दो महिलाओं का इलाज हो रहा है।

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