बद्दी(सोलन)। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के उद्योगों पर थोपे जा रहे विभिन्न टैक्स और विद्युत ड्यूटी पर फार्मा उद्यमियों ने एतराज जताया है। फार्मा उद्यमियों का कहना है कि पिछले दो तीन साल से राज्य के फार्मा उद्योग आर्थिक व अन्य तंगी से जूझ रहे हैं। वर्तमान सरकार से आस थी कि कुछ न कुछ रियायतें मिलेंगी लेकिन उसके विपरीत हो गया।
फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं क्योरटैक फार्मा समूह के चेयरमैन सुमित सिंगला ने कहा कि हाल ही में प्रदेश सरकार ने उद्योगों के लिए विद्युत ड्यूटी 2 फीसदी से लेकर 25 फीसदी बढ़ा दी है। इसके कारण हर उद्योग का 10,000 से लेकर 1 लाख तक का ज्यादा बिल आएगा। हिमाचल प्रदेश को विद्युत राज्य कहा जाता है और अगर यहीं पर हमें बिजली महंगी मिलेगी तो नए निवेशकों का क्या आकर्षण रह जाएगा। कहा कि आज प्रदेश में आलम यह है कि यहां पर किसी भी प्रकार की रियायत व आकर्षण नहीं बचा है। लोग अपने फार्मा व अन्य उद्योग जम्मू कश्मीर सहित उन राज्यों में लगा रहे हैं जहां पर केंद्र सरकार ने सब्सिडी दी हुई है। बहुत से उद्योग जम्मू चले गए तो कुछ नार्थ ईस्ट का रुख कर गए। सुमित ने कहा कि भारत के जितने भी बड़े फार्मा घराने थे, उन्होंने हिमाचल में अपने कारखानों के साथ-साथ भारत के चारों कोनों में अलग से यूनिट लगा लिए ताकि वहां से पूरे भारत में वितरण हो सके और भाड़ा भी कम लगे। हिमाचल प्रदेश के उद्योग इस समय घोर संकट से गुजर रहे हैं। अगर प्रदेश सरकार ने समय रहते स्थिति न संभाली तो उद्योग तो बर्बाद होंगे या पलायन करने पर मजबूर होंगे। पड़ोसी राज्यों में औद्योगिक निवेश का जो माहौल है और वहां पर सरकारें जिस तरह से उद्योगों को आमंत्रित कर रही हैं उससे हिमाचल सरकार को सोचने पर मजबूर होना पडेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अनचाहे टैक्सों को शीघ्र वापिस लें वहीं विद्युत डयूटी की बढ़ोतरी को तुरंत प्रभाव से रद्द करें।