
रामपुर में एनडीआरएफ बेस सेंटर खुलेगा। लोगों को आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों में एनडीआरएफ का सहयोग तुरंत मिल सकेगा। रामपुर में करीब 50 बीघा भूमि पर इस बेस सेंटर का निर्माण होगा। डकोलढ़ में भूमि एनडीआरएफ के नाम हो गई है, जहां जल्द ही बेस सेंटर की स्थापना होगी। यहां करीब 500 जवानों के प्रशिक्षण की सुविधा रहेगी, जो शिमला, कुल्लू, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिले में आपदा के वक्त तुरंत मदद पहुंचाएंगे।
किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) का विशेष योगदान रहता है। आपदा के दृष्टिगत संवेदनशील हिमाचल प्रदेश में एनडीआरएफ की तीन कंपनियां कार्य कर रही हैं। मंडी, नालागढ़ और रामपुर से एनडीआरएफ की कंपनियां आपदा से निपटने का कार्य कर रही हैं। रामपुर और किन्नौर भी आपदा के दृष्टिगत काफी संवेदनशील है। यहां सतलुज नदी में बाढ़ की संभावना बनी रहती है, जबकि सड़क हादसे और प्राकृतिक आपदा के समय भी राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की अहम जरूरत रहती है। रामपुर के ज्यूरी में एनडीआरएफ की कंपनी अस्थायी तौर पर चल रही है।
बीते वर्ष 31 जुलाई को आई बाढ़ में बहे समेज कस्बे में भी कई दिनों तक एनडीआरएफ के जवानों ने सर्च ऑपरेशन में अपनी अहम भूमिका निभाई थी। अब अब जल्द ही रामपुर के डकोलढ़ में एनडीआरएफ का बेस सेंटर स्थापित होगा। उधर, एसडीएम रामपुर निशांत तोमर ने बताया कि डकोलढ़ में एनडीआरएफ के नाम 50 बीघा भूमि हो गई है। अब एनडीआरएफ अपने बेस सेंटर का निर्माण कर पाएगा। एनडीआरएफ का बेस सेंटर स्थापित होने से क्षेत्र के लोगों को आपदा के वक्त त्वरित मदद मिल पाएगी।