तबादले से नाखुश कर्मचारी कोर्ट जाने से पूर्व विभाग में रख सकेंगे पक्ष, अधिसूचना जारी

Employees unhappy with the transfer will be able to present their side in the department before going to court

तबादले से दुखी नाखुश अब सीधे हाईकोर्ट जाने से पूर्व संबंधित विभाग के पास अपना रख सकेंगे। इसके लिए हिमाचल सरकार ने कर्मचारी स्थानांतरण दिशा-निर्देशों में शिकायत निवारण के लिए नया प्रावधान शामिल किया है। शिकायत निवारण प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह फैसला लिया गया है। कार्मिक विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। हालांकि तबादला होने पर पहले ज्वाइनिंग देना अनिवार्य रहेगा। बाद में कर्मचारी अपना पक्ष रखेंगे। सक्षम प्राधिकारी को भी शिकायत प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर समाधान निकालना होगा। शिकायत में ऐसे घटनाक्रम या कारणों को उजागर करना होगा जो स्थानांतरण निर्णय को प्रभावित कर सकते हैं।

स्थानांतरण आदेश अनुचित निकला तो ये होगा
स्थानांतरण आदेश अनुचित निकला तो कर्मी को पुरानी जगह नियुक्ति मिलेगी। कार्मिक सचिव एम सुधा देवी की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए व्यापक मार्गदर्शक सिद्धांत-2013 (सीजीपी-2013) के तहत एक नया प्रावधान किया गया है। यह संशोधन विशेष रूप से उन कर्मियों के लिए है जो स्थानांतरण पर व्यथित महसूस करते हैं। सीजीपी-2013 मूल रूप से 10 जुलाई 2013 को प्रसारित किया गया था। इसके तहत स्थानांतरण आदेशों से संबंधित शिकायतों को संबोधित करने के लिए औपचारिक तंत्र शामिल नहीं था। अब समस्याओं के समाधान के लिए सरकार ने पैरा 22ए शामिल किया है।

संशोधन का उद्देश्य
कार्मिक विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कर्मचारी तबादलों को लेकर सीधे अदालतों का दरवाजा न खटखटाएं, इसके लिए संशोधन किया गया है। कानूनी कार्रवाई का सहारा लेने से पहले प्रशासनिक ढांचे के भीतर मुद्दे को संभालने के लिए यह प्रावधान किया गया है। इससे अनावश्यक देरी और मुकदमेबाजी में भी कमी आने की उम्मीद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *