
जनजातीय क्षेत्र लाहौल की बर्फीली पहाड़ियों में विभिन्न प्रजातियों के वन्य जीव देखने को मिल रहे हैं। खास बात यह है कि बिना जंगल के दिखने वाले जोबरंग गांव के पास के पहाड़ों पर भी दुर्लभ वन्यजीवों की मौजूदगी दर्ज की गई है। यहां आईबैक्स (टंगरोल), हिमालयन थार सहित हिम तेंदुए जैसे दुर्लभ वन्यजीव कैमरे में कैद हुए हैं।
स्थानीय शोधार्थी दीपेंद्र ओथंगबा और अमीर जस्पा ने सोमवार को रापे गांव से करीब 2,000 मीटर दूर जोबरंग के पहाड़ों पर हिम तेंदुए को अपने कैमरे में कैद किया। इससे पहले आठ फरवरी को दीपेंद्र ने दो-तीन आईबैक्स (टंगरोल) के साथ हिमालयन थार को भी कैमरे में रिकॉर्ड किया था। कुछ दिन पहले यांगला पुल के ऊपर भी एक मादा हिम तेंदुआ अपने दो शावकों के साथ बर्फ से गुजरते हुए स्थानीय लोगों के मोबाइल कैमरों में कैद हुआ है।
हिम तेंदुआ 3,000 से 5,000 मीटर की ऊंचाई पर विचरण करने वाला प्राणी है। हिम तेंदुए सहित कई जीव शोधार्थी कैमरे में कैद हो रहे हैं। ठंड में पहाड़ के ऊपरी हिस्सों में पानी जम जाती है। इस कारण वन्यजीव प्यास बुझाने और भोजन की तलाश में निचले इलाकों की ओर रुख करते हैं। इस क्षेत्र में हिम तेंदुआ, कस्तूरी मृग, हिमालयन थार, तिब्बतियन बुल्फ, घोरल, काला एवं भूरा भालू सहित कई दुर्लभ प्रजाति के वन्यजीव कैमरे में कैद हुए हैं।
हिम तेंदुआ मुख्य रूप से भारत में लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के ऊंचे पर्वतीय इलाकों में पाया जाता है। वैज्ञानिक भाषा में इसे पैंथेरा उनिया के नाम से जाना जाता है और यह नस्लीय बिल्ली प्रजाति का स्तनधारी वन्य जीव है