
उपमंडल बल्ह में चिट्टे के खात्मे के लिए बुधवार को महापंचायत हुई। खंड विकास अधिकारी कार्यालय बल्ह में हुई बैठक की अध्यक्षता एसडीएम स्मृतिका नेगी और डीएसपी मुख्यालय दिनेश कुमार ने की। महापंचायत में उपमंडल की 44 पंचायतों के प्रधानों ने हिस्सा लिया। पंचायत प्रधानों ने चिट्टा के खात्मे का संकल्प लिया। एसडीएम ने सभी पंचायत प्रधानों को निर्देश दिए कि हर वार्ड में पांच सदस्यीय निगरानी कमेटी गठित की जाए। यह कमेटी चिट्टा की गतिविधियों में संलिप्त युवाओं पर नजर रखेगी और व्हाट्सएप के माध्यम से पुलिस को सूचित करेगी। उन्होंने पंचायत स्तर पर नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान भी चलाने के निर्देश दिए।
डीएसपी दिनेश कुमार ने प्रधानों को ड्रग फ्री हिमाचल एप के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति संदिग्ध लगे तो उसकी सूचना एप में दर्ज करें। उन्होंने बताया कि नशा तस्कर छोटी मात्रा में कारोबार करते हैं, जिससे पकड़े जाने पर सबूत नष्ट कर सकें। इसलिए सतर्कता जरूरी है। उन्होंने कहा कि सबका दायित्व है कि वह पंचायत में वार्ड कमेटियों की मदद लेकर संदिग्धों पर नजर रखें और सूचना पुलिस को दें। कानून अपने हाथ में न लें। पुलिस अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। बैठक में पंचायत और पुलिस के बीच समन्वय बढ़ाने पर सहमति बनी। खंड विकास अधिकारी शीला ठाकुर ने बताया कि बैठक में सभी 44 पंचायतों के प्रधान, सचिव और पंचायत इंस्पेक्टर मौजूद रहे।
स्थिति गंभीर : 15 से ज्यादा मौतें, कई कर रहे चोरियां
बल्ह क्षेत्र के लोगों मानें तो चिट्टे से ही उपमंडल में अभी तक 15 से 20 युवाओं की मौत हो चुकी है। कई युवकों पर पुलिस में केस दर्ज हैं। कई चिट्टे की लत में फंसकर चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। घर से दूर पढ़ाई करने वाले भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। कॉलेज और बड़े शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे बच्चे ज्यादातर इसकी चपेट में हैं।
प्रधान बोले- कोरोना काल की तरह पुलिस चलाए अभियान
पुलिस ने कोरोना काल में हर जगह पहरेदारी दी थी। यह भी महामारी से कम नहीं है। पुलिस को चप्पा-चप्पा छानना होगा और हर जगह अपनी मौजूदगी देनी होगी। जनता पूरा साथ देगी – टेक चंद, प्रधान, लुहाखर पंचायत
पुलिस को ग्रामसभा में भी भागीदारी निभानी चाहिए। गांव के बहुत से लोग आगे नहीं आना चाहते और पुलिस के कागजों में पड़ना नहीं चाहते। पुलिस को जब बुलाया जाता है तो समय पर नहीं पहुंचती है – कुलदीप, प्रधान, दसेहड़ा पंचायत।
हम अपनी पंचायत में चिट्टा के खिलाफ लंबे समय से जंग लड़ रहे हैं। चिट्टा आज घर-घर पहुंच चुका है। यह काम एक या दो दिनों में या एक या दो साल में नहीं हुआ है