शीतकालीन स्कूलों में नया पाठ्यक्रम शुरू होने से पहले इन विषयों की बुनियादी क्षमता पर होगा काम

Before the new curriculum starts in schools, work will be done on basic skills of Hindi, English and Mathemati

हिमाचल प्रदेश के शीतकालीन स्कूलों में नया पाठ्यक्रम पढ़ाने से पहले विद्यार्थियों की हिंदी, अंग्रेजी और गणित विषय की बुनियादी क्षमता पर विशेष काम होगा। शिक्षा निदेशालय ने पहली से दसवीं कक्षा के लिए नई पठन-पाठन प्रक्रिया को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। प्रार्थना सभा में रचनात्मक लेखन की गतिविधियां होंगी। हर कार्य का शिक्षक भी मूल्यांकन करेंगे। विद्यार्थियों की लर्निंग आउटकम जांच कर पढ़ाई में कमजोर बच्चों को शुरू से ही निदानात्मक शिक्षण करवाया जाएगा। ग्रीष्मकालीन स्कूलों में 1 अप्रैल से यह निर्देश लागू होंगे।

जिला उपनिदेशकों को जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि नए शैक्षणिक सत्र के पहले 15 दिनों में कक्षा 2 से 10 के लिए विद्यालयों में पठन-पाठन प्रक्रिया अलग तरीके से होगी। सत्र के पहले 15 दिनों में पढ़ना, लिखना और गणित के बुनियादी क्षमताओं की बढ़ोतरी पर ध्यान दिया जाएगा। हर दिन के प्रारंभिक दो घंटों को हिंदी, अंग्रेजी और गणित की बुनियादी क्षमताओं को और सुदृढ़ बनाने में लगाया जाएगा। बच्चों के भाषा तथा गणित के अधिगम स्तर पिछले शैक्षणिक सत्र की असेस्मेंट के आधार पर पहचाने जाएंगे। इसके माध्यम से बच्चों की सीखने में आई कमियों को पहचान कर इन्हीं के अनुसार सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।

भाषा में कम अधिगम स्तर प्राप्त करने वाले बच्चों के साथ शिक्षक अधिक समय बिताएगे। समझ के साथ पढ़ने वाले बच्चों को अन्य बच्चों की मदद के लिए प्रेरित किया जाएगा। 15 दिनों के बाद शिक्षक अभिभावकों के साथ बैठक बुलाकर उनसे बच्चों की उपलब्धियों को साझा करें। मूल्यांकन के आधार पर शिक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि बच्चे सीख रहे हैं और नियमित रूप से अगले स्तर में जा रहे हैं। कक्षा एक में दाखिला लेने वाले बच्चों के साथ तीन महीने की स्कूल रेडिनेस गतिविधियां करवाने को कहा गया है। कक्षा पांच के बच्चों को 20 तक पहाड़े, कक्षा चार तक 15, कक्षा तीन 10 और कक्षा दो के बच्चों को 5 तक के पहाड़े याद करवाने को कहा गया है।

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