वासुकी और सांगला झील का आकार बढ़ा… बाढ़ का खतरा, सर्वे रिपोर्ट में हुआ खुलासा

Glaciers report: Vasuki and Sangla lakes have increased in size... flood risk, revealed in survey report

ग्लेशियरों के पिघलने व जलवायु परिवर्तन से कुल्लू जिले की वासुकी और किन्नौर की सांगला झील का आकार बढ़ गया है। इन झीलों से मणिकर्ण वैली की पार्वती और किन्नौर की बस्पा नदी में बाढ़ का खतरा बन गया है। हालांकि, अभी ये झीलें पूरी तरह सुरक्षित हैं और इनमें कोई लीकेज नहीं पाई गई है। ग्लेशियरों और झीलों के सर्वे की रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है। यह रिपोर्ट मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने शुक्रवार को जारी की। इस सर्वे के तहत झीलों की गहराई और ग्लेशियरों के आकार को मापने के साथ-साथ सामरिक महत्व की सड़कों पर भूस्खलन के जोखिम का भी अध्ययन किया गया।

कुल्लू जिले के सोसन में 4,500 मीटर ऊंचाई पर स्थित वासुकी झील और किन्नौर के सांगला में 4,710 मीटर ऊंचाई पर सांगला झील की सर्वे रिपोर्ट सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग के वैज्ञानिकों-इंजीनियरों ने अध्ययन के बाद तैयार की है। ये दोनों झीलें बदलते मौसम, जलवायु परिवर्तन और ग्लेशियरों के पिघलने से बनी हैं। वासुकी झील की परिधि 1.65 किमी की है। इसकी अधिकतम गहराई 36.91 मीटर और औसत 14.48 मीटर है। 2017 से 2024 के बीच वासुकी झील का क्षेत्रफल 3.02 हेक्टेयर बढ़ गया है। 2017 में वासुकी का क्षेत्रफल 10.36 हेक्टेयर था। झील में 2.16605135 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी है।

बाढ़ के लिहाज से पार्वती नदी को बेहद संवेदनशील बताया गया है। रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि सांगला झील के फटने से जेएसडब्ल्यू, बास्पा हाइडल प्रोजेक्ट प्रभावित हो सकते हैं और सांगला क्षेत्र में जानमाल की क्षति भी हो सकती है। 2017 से 2024 के बीच सांगला झील का क्षेत्रफल 0.87 हेक्टयेर बढ़ा। 2017 में सांगला झील का क्षेत्रफल 13.4 हेक्टयेर था, जो 2024 में 14.29 हेक्टयेर हो गया। इस झील में 1.52758 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी है। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि इन झीलों का हर वर्ष फील्ड सर्वे करवाया जाए और अर्ली वार्निंग सिस्टम स्थापित कर पानी के बहाव की निरंतर निगरानी हो।

शिमला की दो सड़कों को अवरुद्ध करने वाले 15 स्थान चिह्नित
रिपोर्ट में राजधानी शिमला की पंथाघाटी से एनएच क्रॉसिंग और कैनेडी चौक से अनाडेल हेलीपेड सड़क का भी आकलन किया गया है। इन सड़कों को अवरुद्ध करने वाले 15 स्थान चिह्नित किए गए हैं।

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