भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बोले- दो साल में पूरे होंगे प्रदेश के 4 फोरलेन प्रोजेक्ट

Spread the love

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने बिलासपुर में प्रेस वार्ता तो संबोधित करते हुए कहा कि चार फोरलेन का काम 2027-28 तक पूरा कर लिया जाएगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि हिमाचल में 25 नेशनल हाईवे का काम चल रहा है, जिनकी कुल लंबाई 2592 किलोमीटर है। इनमें मुख्य रूप से कीरतपुर-मनाली, परवाणू-शिमला, पठानकोट-मंडी और शिमला-मटौर फोरलेन का काम 2027-28 तक पूरा कर लिया जाएगा। 

शनिवार को बिलासपुर में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने हिमाचल में बन रहे नेशनल हाईवे के निर्माण कार्यों की समीक्षा की। बचत भवन बिलासपुर में पत्रकार वार्ता में नड्डा ने जानकारी दी कि कीरतपुर- मनाली फोरलेन के लिए 9452 करोड़, शिमला-मटौर के लिए 10,208 करोड़, पठानकोट-मंडी के लिए 1088 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। हिमाचल में यह वातावरण बनाने का प्रयास किया जा रहा है कि केंद्र सरकार हिमाचल के बारे में ध्यान नहीं दे रही है। गलती राज्य सरकार की है जो केंद्र से आए पैसे को खर्च नहीं कर पा रही है।

नड्डा ने कहा कि शिमला के भट्ठाकुफर में एनएचएआई अधिकारियों से मारपीट का मामला चिंताजनक है। इस तरह की घटनाओं से एक तो देवभूमि संस्कृति को धक्का लगता है। दूसरा, जिस सरकार में रक्षक की भक्षक हो जाए तो उनसे क्या आशा की जा सकती है। जिनके हाथों में कानून की रक्षा का जिम्मा है, वे अपने हाथों में कानून ले लें तो सरकार कैसे चल रही है, यह इसका जीता जागता नमूना है।

नड्डा ने कहा कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि फोरलेन प्रोजेक्टों को तय समय सीमा के भीतर ही पूरा किया जाएगा। कार्य की गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। कहा कि प्रदेश में आई आपदा हृदयविदारक है। भारत सरकार आपदा के समय राज्य के साथ दृढ़ता से खड़ी है। 

जेपी नड्डा ने कहा कि सांसद कंगना रणौत मंडी पहुंच रही हैं। उनके साथ समन्वय की कोई कमी नहीं है। भाजपा के सभी नेता मिलकर इस त्रासदी में जनता के साथ काम कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भविष्य में किसी तरह का विवाद राष्ट्रीय राजमार्ग बनाते न हो इसलिए डीपीआर बनाते समय जनप्रतिनिधि की सलाह भी ली जाएगी। हर मामले को एक नजर से नहीं देखा जा सकता है। मंडी की त्रासदी दुखद है। इसके लिए केंद्र पूरी तरह से हिमाचल सरकार और मंडी के साथ खड़ी है।


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि क्रशर और मिक्सिंग प्लांट को उद्योग की श्रेणी में रखने से हिमाचल में नेशनल हाईवे के निर्माण प्रभावित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर और फोन कर यह मामला उठाया जाएगा। सरकार इसे उद्योग की श्रेणी से बाहर करे। नड्डा ने कांग्रेस सरकार पर समदो-काजा हाईवे के निर्माण के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं देने का आरोप लगाया।

बचत भवन में पत्रकार वार्ता में नड्डा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 23 अप्रैल 2024 को अधिसूचना जारी की है। इसके मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए जो क्रशर और मिक्सिंग प्लांट लगे हैं, उनके लिए भी हर साल अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है। हालांकि ये उद्योग की श्रेणी में नहीं आने चाहिए। उन्होंने कहा कि समदो-काजा सड़क का निर्माण बीआरओ को करना था। सड़क के लिए वन विभाग की मंजूरी लेनी है जो राज्य सरकार की ओर से दी जानी है। अभी तक मंजूरी नहीं दी गई है। 

नड्डा ने व्यास नदी पर ड्रेजिंग न होने को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि राज्य सरकार को इस दिशा में काम करना चाहिए। यदि इस समय पर नहीं किया तो आने वाले समय में काफी परेशानियां हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिले बजट को खर्च नहीं कर पा रही है। केंद्र सरकार की ओर से आयुष्मान इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए दिए गए पैसे का 21% ही खर्च हुआ है। 15वें वित्त आयोग में स्वास्थ्य के क्षेत्र में जितना पैसा दिया था, वह 25% ही खर्च हुआ है और इसकी अवधि 2025 में खत्म हो जाएगी। ऐसे में सरकार को इस दिशा में बेहतर काम करना चाहिए।


नड्डा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में एक वातावरण बनाने का प्रयास किया जा रहा है कि केंद्र सरकार हिमाचल बारे ध्यान नहीं दे रही है पर गलती तो राज्य सरकार की है जो केंद्र से आए पैसे को खर्च नहीं कर पा रही है। 2021 से 2025 तक स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से ही आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फास्ट्रक्चर मिशन के तहत 360 करोड़ 11 लाख रुपये प्रदान किए गए हैं, जिसमें से प्रदेश सरकार केवल 78 करोड़ ही खर्च कर पाई है। इस योजना के तहत प्रदेश में 73 ब्लाक लेबल पब्लिक हेल्थ यूनिट बनाए जाने प्रस्तावित हैं, जिनमें से छह ही बन पाए हैं जबकि 14 के टेंडर हुए हैं। प्रदेश को 15वें वित्तायोग से 521 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जिसमें से केवल 128 करोड़ 62 लाख रुपये ही खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा कि 25 मई को मुख्यमंत्री उनसे मिलने आए थे। उन्होंने जाइका से पैसा दिलवाने का आग्रह किया था जिस पर 30 जून को 1138 करोड़ रुपये केंद्र ने मंजूर किए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *