
हिमाचल प्रदेश में कृषि-बागवानी और फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए छोटे पैकिंग हाउस और कोल्ड स्टोर स्थापित होंगे। एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत प्रदेश सरकार ने केंद्र को 68 करोड़ का प्रस्ताव भेजा है। मिशन में केंद्र सरकार 90 फीसदी और राज्य सरकार 10 फीसदी राशि वहन करेगी। अगले वित्त वर्ष में मिशन के तहत प्रदेश में फूलों की खेती को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। किसान-बागवानों के लिए कृषि लागत को घटाने और मुनाफा बढ़ाने के लिए बागवानी विकास मिशन के तहत पैकिंग हाउस और छोटे कोल्ड स्टोर बनाए जाएंगे। सेब, सब्जी और फूलों की पैकिंग के लिए पैकेजिंग हाउस स्थापित होंगे।
किसान-बागवानों की सुविधा के लिए 5 और 10 मीट्रिक टन के छोटे कोल्ड स्टोर भी बनाए जाएंगे। प्रदेश सरकार की ओर से केंद्र को भेजे गए प्रस्ताव में अनुसंधान, पौधरोपण, नए बगीचे स्थापित करने, पानी के टैंक बनाने, फूलों की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए पॉली हाउस लगाने, किसान-बागवानों को पॉवर टिल्लर और पॉवर स्प्रेयर उपलब्ध करवाने, ड्रैगर फ्रूट और ब्लू बैरी जैसी नई फसलों के प्रति जागरूकता के लिए प्रदर्शनी, प्रदेश के भीतर और बाहर किसान-बागवानों के प्रशिक्षण के लिए बजट मांगा गया है। पहले चरण में केंद्र सरकार से 30 से 31 करोड़ मिलेंगे और दूसरे चरण में बाकी बची राशि मिलेगी।
फलों की उन्नत किस्मों के बगीचे स्थापित करने में सहयोग
प्रदेश सरकार बागवानों को फलों की उन्नत किस्म के बगीचे स्थापित करने के लिए सहयोग देगी। इसके लिए मिशन में 15.20 करोड़ मांगें गए हैं। छोटे कोल्ड स्टोर बनाने के लिए 13.81 करोड़, फूड प्रोसेसिंग के लिए 5 करोड़, फूलों की खेती के लिए पॉलीहाउस स्थापित करने को 10 करोड़ मांगें गए हैं।
केंद्र को भेजा 61.87 करोड़ का प्रोजेक्ट
एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र को 61.87 करोड़ का प्रोजेक्ट भेजा गया है। किसान-बागवानों के हित में मिशन के तहत पैकिंग हाउस और छोटे कोल्ड स्टोर स्थापित करने के लिए राशि मांगी गई है। नए बगीचे स्थापित करने और बागवानों को प्रशिक्षण देने के लिए भी सहयोग मांगा गया है।