केंद्रीय योजनाओं के पैसे और गोबर खरीद मामले पर सत्तापक्ष-विपक्ष में तीखी नोकझोंक

 

HP Assembly: Sharp arguments between the ruling and opposition parties on the issue of money from central sche

गोबर खरीद पर हिमाचल विधानसभा सदन में बुधवार को भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती और कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार में तीखी नोकझोंक हुई। सत्ती ने सदन में गोबर खरीद पर सवाल उठाया तो इस पर मंत्री चंद्र कुमार ने पलटवार किया। इससे पूर्व राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेते हुए ऊना के भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि गोबर खरीदने का काम क्या सरकारों का होता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इसकी बातें कीं तो वे भी हैरान हुए। पर ऐसा कुछ नहीं किया गया।

सड़कों में गोबर के ढेर लगे हुए हैं। कोई खरीद नहीं हो रही है। इस पर मंत्री चंद्र कुमार ने बीच में हस्तक्षेप कर कहा कि अगर विपक्ष सही होता तो ये इस ओर होते। ये ओवरड्राफ्ट करके गए हैं। हमारा घोषणापत्र पांच साल के लिए हैं। घोषणाओं को हमें पूरा करना है। पहली गारंटी को ओपीएस के रूप में पहली कैबिनेट में पूरा किया गया। हमने कहा था कि हम दो रुपये किलो के हिसाब से गोबर लेंगे। हमने कहा कि हम कच्चा गोबर लेने के बजाय इसे कंपोस्ट के रूप में लेंगे।  आने वाले समय में खुली मार्केट में पांच और दस रुपये का बैग बेचेंगे। आपके सामने परिणाम आ जाएंगे। हमने दूध के दाम एक दिन में 100 रुपये नहीं करने हैं। 

मिल्क प्रोसेसिंग का क्या काम हुआ जरा बताएं तो सही, मैं भी गुग्गल धूप जलाकर पूजा करूं
ऊना के भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि महिलाओं के लिए चरणबद्ध तरीके से 1500 रुपये देने की बात की गई, मगर यह नहीं दिया गया। दूध की खरीद के बारे में भी झूठ बोला। कहां काम हुआ। जरा बताएं तो सही, मैं भी वहां जाकर गुग्गल धूप जलाकर पूजा करूं।  प्लांट बनाए जा रहे हैं और अपग्रेड किए जा रहे हैं। हम पांच साल में सभी गारंटियों को पूरा करेंगे। इस पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि वे यह बात मानने के लिए तैयार हैं कि पांच साल में घोषणाएं पूरी करेंगे, मगर जो नहीं किया, उसकी भी सत्तापक्ष यहां बात कर रहा है। कौन सा आदर्श चिकित्सा संस्थान प्रदेश में खोला गया है। यह तो हमें भी मालूम नहीं हैं कि हमारे क्षेत्र में कहां आदर्श स्वास्थ्य संस्थान बनाया गया। टैक्स पर टैक्स लगाए जा रहे हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि तथ्य तो तथ्य हैं। हालात यह है कि डॉक्टरों को पीजी करने के दौरान पैसा मिलता है।

पूर्व सरकार ने भी कोविड में मंदिरों से लिए करोड़ों : मुकेश
शिमला। केंद्रीय योजनाओं का पैसा कर्मचारियों की तनख्वाह खर्च करने के मामले में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और भाजपा विधायक रणधीर शर्मा के बीच नोकझोंक हुई। विधायक रणधीर ने कहा कि केंद्र से जारी समग्र शिक्षा का पैसा प्रारंभिक शिक्षा के अध्यापकों के वेतन में खर्च किया गया। वर्तमान सरकार ने कांग्रेस की परंपरा को कायम रखा है। पहले स्कूटर में सेब ढोए और अब पानी ढोया जा रहा है। उन्होंने मंदिर का पैसा बजट योजनाओं में भी खर्च करने का आरोप लगाया। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने भी गोशालाओं के निर्माण और रखरखाव के लिए मंदिरों से पैसा लिया। कोविड के दौरान भी मंदिरों से 16 से 17 करोड़ रुपये लिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार की बजट वाली योजनाओं के लिए कोई पैसा नहीं लिया गया और न ही लेंगे। मंदिरों के पैसे पर सरकार की नजर नहीं है।

भाजपा विधायक रणधीर का आरोप, केंद्र से जारी पैसा शिक्षकों के वेतन पर खर्चा
 सरकार सत्ता आई थी, उसी दिन से उनकी मंदिरों के पैसे पर नजर थी। उन्होंने कहा कि आप अनाथ बच्चों को किस श्रेणी रखते हैं। क्या आपको एतराज है कि ये पैसा अनाथ बच्चों की पढ़ाई और एडमिशन पर खर्च न हो। रणधीर ने आरोप लगाया कि जब भी मंत्री सरकारी कार्यक्रमों में जाते हैं तो भाजपा विधायकों को नहीं बुलाया जाता है। इस पर मुकेश ने कहा कि जैसी परंपरा डालकर जाओगे, वैसी निभानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि आपको पत्र लिखेंगे, फोन भी करेंगे। क्या आप आओगे। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि अगर सरकार मंदिरों का पैसा नहीं ले रहीं है तो अधिसूचना रद्द करें। सच्चाई को स्वीकार करना होगा। फैसले गलत लेंगे, तो विपक्ष बोलेगा। 

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