वरिष्ठ भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश में 25 हजार मरीज किडनी के रोग से ग्रसित हैं। स्वास्थ्य विभाग की हालत ऐसी है कि प्रदेश के किसी भी मेडिकल कॉलेज में किडनी रोगी मरीजों के लिए ओपीडी तक नहीं है। परमार ने विधानसभा सदन में नियम 130 के तहत हिमाचल में बढ़ रहे किडनी, थैलेसीमिया और शुगर के मरीजों की बढ़ती संख्या और उसके उपचार से संबंधित प्रस्ताव लाया। उन्होंने कहा कि मेडिसन विभाग के डॉक्टर किडनी मरीजों को देख रहे हैं और उन्हें दवाइयां लिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी और टांडा में ही किडनी से संबंधित प्रतिदिन 400 के करीब ओपीडी हो रही हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल के लोगों का मेडिकल कॉलेज के ऊपर से विश्वास उठता जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिम केयर कार्ड नहीं चल रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि कैंसर का भी इसी तरह हिमाचल में हाल है। उन्होंने कहा कि दो सीनियर रेजिडेंट आईसीएमसी में विभाग चला रहे हैं। प्रदेश में छोटे बड़े 2,700 अस्पताल हैं लेकिन यहां पर स्टाफ की भारी कमी है। इससे लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं। मेडिकल कॉलेज के अफसरों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। उनके पास पैसे नहीं आ रहे, जिस वजह से मरीजों का उपचार नहीं हो पा रहा। हिमाचल प्रदेश में शुगर के मरीजों की स्थिति भी खराब है। मेडिकल कॉलेज में शुगर के मरीजों को कुल डाइट चार्ट ही दिया जा रहा है। वहीं, नियम 130 में चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि लोगों को सहारा योजना का पैसा नहीं मिल रहा है उन्होंने कहा कि उन्हें मरीज का फोन आया और उसमें बताया गया कि पिछले छह महीने से सहारा योजना का पैसा नहीं आया है। इसको लेकर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से बात की। पता चला कि ट्रेजरी से ही पैसा आगे नहीं गया। हिमाचल में केयर योजना भी बंद होने की कगार पर है। इसमें फंड की कमी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई मेडिकल कॉलेज खुले हैं। ऐसे में अब इनका आधारभूत ढांचा विकसित करने की जरूरत है
