साक्षर बनने के लिए 80 साल की उम्र में रामजानी ने दी परीक्षा, बोलीं- मिटाऊंगी निरक्षरता का कलंक

At the age of 80, Ramjani gave the exam to become literate, said- I will erase the stigma of illiteracy

 हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में दूसरी बार निरक्षर लोगों को साक्षर करने के लिए परीक्षा करवाई गई। इस परीक्षा में 80 साल की रामजानी सहित करीब 2,000 निरक्षरों ने भाग लिया। परीक्षा को पास करने वाले लोग साक्षरों में गिने जाएंगे। उपमंडल सदर के नोग गांव की 80 साल की रामजानी ने अपने नजदीकी परीक्षा केंद्र में उत्साह के साथ परीक्षा में भाग लिया। रामजानी जीवन में कभी स्कूल नहीं गईं। इस कारण वह पढ़ लिख नहीं सकी। उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के बारे पता चलने पर पोती किरण ने दादी रामजानी को साक्षर करने की ठानी। पोती के आग्रह पर रामजानी भी परीक्षा देने के लिए तैयार हो गईं।

जेबीटी कर चुकी किरण ने दादी का पंजीकरण कार्यक्रम में कराया। इसके बाद दादी को घर पर पढ़ाया भी और परीक्षा की तैयारी भी कराई। रामजानी ने बताया कि घर पर सभी पढ़े लिखे हैं। पोती के प्रयासों अब वह पढ़े लिखे लोगों में गिनी जाएंगी। पढ़ाई ही जीवन का आधार है। इसलिए सबका पढ़ाना लिखना जरूरी है। उधर, रामजानी के साथ नोग गांव की 73 साल की चिंता देवी ने भी इस परीक्षा में भाग लिया। चिंता देवी को भी किरण ने ही परीक्षा की तैयारी करवाई। चिंता देवी ने बताया कि उनके समय में बहुत कम लोग पढ़ाई करते थे। वह भी यदि पढ़ी लिखी होती तो आज जीवन में कुछ बन गई होती। इसी प्रकार रविवार को हुई परीक्षा में कई बुजुर्ग लोगों ने भाग लिया।

परीक्षा सभी जिले के सभी राजकीय स्कूलों में 150 अंकों की इस परीक्षा के लिए तीन घंटे का समय दिया गया। परीक्षा में पढ़ने, लिखने और संख्याओं के ज्ञान के आधारभूत प्रश्न आए थे। शिक्षार्थियों को परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए पढ़ना, लिखना और संख्या ज्ञान में 17 अंक हासिल करना आवश्यक होगा, हालांकि इनमें से किसी एक में भी कम अंक रहने पर कुल पांच अंक ग्रेस अंक के रूप में जोड़े जाएंगे। मूल्यांकन के बाद उत्तीर्ण होने पर सभी निरक्षरों को साक्षर घोषित किया जाएगा और उन्हें इस संदर्भ में प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाएंगे।

परीक्षा देने वाले निरक्षर लोगों को केंद्रीय शिक्षा एवं साक्षरता मंत्रालय के उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत हजारों स्वयंसेवी अध्यापकों ने करीब छह माह तक पढ़ाई कराई थी। निरक्षर लोगों को एनसीईआरटी की ओर से विशेष रूप से प्रकाशित की गई उल्लास पुस्तक का अध्ययन करवाया गया था। उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा नरेश कुमारी ने कहा कि जिले में रविवार को निरक्षर लोगों को साक्षर करने के लिए परीक्षा करवाई गई। बुजुर्गों ने उत्साह के साथ इस परीक्षा में भाग लिया।

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