
चीफ इंजीनियर विमल नेगी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में पुलिस ने एचपीपीसीएल ऑफिस से रिकॉर्ड जब्त किया है। इलेक्ट्रिक विंग के अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई अमल में लाई है। पुलिस रिकॉर्ड के आधार पर पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिरकार कारपोरेशन में ऐसा क्या चल रहा था कि विमल नेगी को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा। रिकॉर्ड में पिछले दिनों होने वाली मीटिंग, इसकी प्रोसिडिंग, विमल नेगी की छुट्टियों का ब्योरा, एरिया ऑफ रिस्पॉन्सबिलिटी समेत अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज शामिल हैं।
रविवार की छुट्टी होने के बावजूद पुलिस ने रिकॉर्ड लेने के लिए कॉरपोरेशन के कार्यालय को खुलवाया। जिला पुलिस ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया है। इसमें एएसपी नवदीप सिंह, डीएसपी शक्ति सिंह और डीएसपी सिटी विक्रम चौहान समेत अन्य इस तरह की जांच में अनुभव रखने वाले अधिकारियों को शामिल किया गया है। कॉरपोरेशन से जब्त किए गए रिकॉर्ड को शनिवार और रविवार को पूरी रात पुलिस की टीम खंगालती रही। इस आधार पर पुलिस मामले की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। इससे पहले पुलिस विमल नेगी के विंग से जुड़े 20 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों से लंबी पूछताछ कर चुकी है, जिसमें यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि चीफ इंजीनियर विमल नेगी किस वजह से मानसिक दबाव में चल रहे थे।
वहीं पुलिस उन आरोपों की भी जांच कर रही है, जिसमें उनकी पत्नी ने उच्च अधिकारियों पर गलत काम करने के लिए दबाव बनाने और फाइलें लेकर घंटों खड़े रखने के गंभीर आरोप लगाए थे। इससे संबंधित फाइलों की प्रोसिडिंग की भी गहनता से पड़ताल की जा रही है। वहीं पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश भी कर रही है कि उच्च अधिकारियों की तरफ से विमल नेगी को किसी प्रकार का कारण बताओ नोटिस और विभागीय जांच सो शुरू नहीं की गई थी।
चीफ इंजीनियर मौत मामले में प्रशासनिक जांच आज से
पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत मामले में सोमवार से प्रशासनिक जांच होगी। इसमें पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारियों और अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। नेगी की पत्नी ने पावर कॉरपोरेशन में प्रबंध निदेशक पर मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं। कर्मचारियों ने भी काम का दबाव की बात कही है। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है। पुलिस की ओर से गठित एसआईटी की जांच के अलावा प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक जांच का जिम्मा अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ओंकार शर्मा को सौंपा है। उन्हें 15 दिन में सरकार को रिपोर्ट देनी है। परिजनों ने उनकी मौत को लेकर शिमला में धरना प्रदर्शन किया था। वि
पक्ष ने विधानसभा में मामले को जोरशोर से उठाया है। हालांकि चीफ इंजीनियर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण डूबने से बताया गया है। उनके शरीर पर किसी भी तरह के चोट के निशान नहीं पाए गए हैं। पुलिस ने अभी तक इस मामले में पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारियों और अधिकारियों के बयान दर्ज किए हैं। चीफ इंजीनियर की पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। हालांकि जब इंजीनियर लापता थे, उसके बाद पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय एचआईटी गठित की थी। उल्लेखनीय है कि विमल गुप्ता 10 मार्च को शिमला से बिलासपुर गए। वह शिमला से टैक्सी करके भराड़ी पुल तक पहुंचे। पुलिस को गोबिंद सागर झील में उनका शव मिला है।