नेगी को किया गया मानसिक प्रताड़ित, पेखूवाला प्रोजेक्ट से नहीं जुड़ रहे तार, जानें विस्तार से

Vimal Negi Death mentally harassed Pekhwala project Disclosure in 66 page administrative investigation report

हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के मुख्य अभियंता विमल नेगी को मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया। हालांकि उनकी मौत से पेखूवाला प्रोजेक्ट के तार नहीं जुड़े हैं। यह खुलासा विमल नेगी की मौत के मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा की ओर से सरकार को बंद लिफाफे में सौंपी 66 पन्नों की प्रशासनिक जांच रिपोर्ट में हुआ है। यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी गई है। रिपोर्ट कॉरपोरेशन के पूर्व प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा, पूर्व निदेशक कार्मिक एवं वित्त शिवम प्रताप सिंह, निलंबित निदेशक देशराज और पीड़ित परिवार समेत 25 लोगों से पूछताछ पर आधारित है। जांच रिपोर्ट में शक की सुई एक पूर्व निदेशक की भूमिका की ओर भी घूमी है।

रिपोर्ट के अनुसार नेगी मानसिक परेशानी से जूझ रहे थे। सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में लिखा है कि उन्हें सुबह जल्द कार्यालय बुलाया जाता था और शाम को देरी से घर भेजा जाता था। उनके ऊपर काम का बहुत दबाव था। कार्यालय में कर्मचारियों से की गई बातचीत में यह भी सामने आया है कि वरिष्ठ अधिकारियों के दफ्तर में उन्हें दो-दो घंटे खड़ा रखा जाता था, 12-12 घंटे ड्यूटी ली जाती थी। कई बार उन्हें रास्ते से भी वापस बुलाया गया। पेखूवाला सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट के चालू होने के बाद ही नेगी ने शिमला कार्यालय ज्वाइन किया। इससे पहले वह शौंगटोंग परियोजना में तैनात थे। उनकी ज्वाइनिंग जून 2024 की बताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि जिस दिन नेगी का शव बरामद हुआ था, उसी दिन परिजनों ने मीणा और देशराज पर मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगा दिए थे। नेगी 10 मार्च को संदिग्ध परिस्थितियों में शिमला से लापता हो गए थे। 18 मार्च को उनका शव बिलासपुर की गोबिंदसागर झील से बरामद किया गया था।

सीएम कार्यालय ने अधिकारियों के सामने खोली रिपोर्ट
मुख्यमंत्री कार्यालय में अधिकारियों के सामने जांच रिपोर्ट को खोला गया है। अब अधिकारी शिमला लौटने पर मुख्यमंत्री को रिपोर्ट के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

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