
पावर कॉरपोरेशन के मुख्य अभियंता विमल नेगी की मौत के मामले में पुलिस ने बुधवार को हिमाचल हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में बताया गया है कि आरोपी हरिकेश मीणा ने पुलिस में कैमरे के सामने बयान दिया है कि वह निजी तौर पर नेगी को नहीं जानते, लेकिन जांच के दौरान पाया गया कि इन दोनों की फोन पर दर्जनों बार बात हुई है।
सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने अदालत से आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने की मांग की। कहा कि आरोपी तथ्य छिपा रहा है। इस पर न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने कहा कि पुलिस आरोपी से पूछताछ कर सकती है। इसके लिए अनुमति लेने की जरूरत नहीं। हालांकि कोर्ट ने आरोपी मीणा की अग्रिम जमानत 2 मई तक बढ़ा दी है। मीणा बुधवार को अदालत में भी पेश हुए। दूसरी ओर नेगी के परिवार की ओर से उनके अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि नेगी की आत्महत्या के पीछे पेखूवाला प्रोजेक्ट में हुए करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार है। चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए पैसों का दुरुपयोग किया गया है। पुलिस की रिपोर्ट में भी इसका जिक्र है। वहीं, नेगी के परिवार वाले मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए कानूनी सलाह भी ले रहे हैं।