
सोने की अशुद्धियां दूर करने में जैसे सुहागा अहम भूमिका निभाता है, वैसे ही सेब के विकास, बीमारियों से बचाव और गुणवत्ता बढ़ाने में भी सुहागा (बोरोन) कारगर है। सेब की अच्छी फसल के लिए बोरोन महत्वपूर्ण है। सेब उत्पादक क्षेत्रों में फ्लावरिंग का दौर चल रहा है। निचले ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पैटल फॉल के बाद फ्रूट सेटिंग हो चुकी है। मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दूसरे चरण की फ्लावरिंग चल रही है और सेब के बगीचे फुल ब्लूम पर हैं। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में फ्लावरिंग से पहले की पिंक बड स्टेज चल रही है। पांच से 10 फीसदी क्षेत्रों में फूल खिलने शुरू हो गए हैं।
बागवानी विशेषज्ञों का कहना है कि बोरोन का छिड़काव करने के लिए यही सबसे सही समय है। बोरोन पौधों के लिए सबसे आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व है। यह फल और बीज के विकास में मदद करता है। बीज जितना मजबूत होगा फल की गुणवत्ता उतनी ही बेहतर होगी। बोरोन मिट्टी की गुणवत्ता में भी सुधार करता है और फल की ड्रॉपिंग रोकने में भी मदद करता है।
बोरोन की स्प्रे न करने से नुकसान
पत्तियों में – पीलापन, किनारों में विकृति, छोटा पन
फलों में – छोटा आकार, त्वचा पर धब्बे, ड्रॉपिंग
पौधों में – वृद्धि रुकना, जड़ों में विकृति, तने में गांठेंकोट
क्या कहते हैं बागवानी विशेषज्ञ
फ्लावरिंग से ठीक पहले बोरोन की स्प्रे परागकण बनाने में मदद करती है और अच्छा पॉलिनेशन होता है। फ्लावरिंग के बाद फ्रूट सेटिंग के समय बोरोन की स्प्रे से कोशिकाओं की बाहरी दीवारों के विकास में मदद मिलती है। इससे फ्रूट ड्रॉपिंग की समस्या पेश नहीं आती। फ्रूट सेटिंग के बाद बोरोन पौधे में शुगर बनाने में मदद करता है- डॉ. एसपी भारद्वाज, बागवानी विशेषज्ञ
पोलन ट्यूब को मजबूत करता है बोरिक एसिड : संजीव
प्रगतिशील बागवान संजीव चौहान का कहना है कि बोरिक एसिड और बोरोन अलग-अलग काम करते हैं। फ्लावरिंग के दौरान बोरिक एसिड की स्प्रे से फूल की पोलन ट्यूब मजबूत होती और अधिक समय पर खुली रहती है। इससे अच्छी फ्रूट सेटिंग होती है। बोरोन सेब के पौधों के लिए माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का काम करता है। इसका छिड़काव सेटिंग के बाद भी किया जा सकता है।
बोरोन, कैल्शियम और जिंक के प्री मिक्स का बढ़ रहा प्रचलन : बिष्ट
प्रोग्रेसिव ग्रोवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह बिष्ट का कहना है कि बोरोन, कैल्शियम और जिंक सेब के लिए महत्वपूर्ण माइक्रोन्यूट्रिएंट्स हैं। बागवान इनकी अलग-अलग स्प्रे करते हैं, लेकिन अब प्री मिक्स का प्रचलन बढ़ रहा है। बोरोन और कैल्शियम अथवा कैल्शियम और जिंक के प्री मिक्स बाजार में उपलब्ध हैं। प्री मिक्स में आयरन सहित अन्य माइक्रोन्यूट्रिएंट्स भी मिल जाते हैं और खर्चा भी कम आता है।