
बिलासपुर के कोठीपुरा के छोटे से गांव नोआ से निकलकर मयंक वैद ने वह कारनामा कर दिखाया है, जो लाखों के लिए एक सपना है। 13 अप्रैल, 2025 को ताइवान के पेंघू द्वीप पर आयोजित विश्व स्तरीय आयरन मैन ताइवान ट्रायथलॉन में भाग लेकर मयंक ने 10 घंटे 34 मिनट के अद्भुत समय में रेस पूरी कर अपने आयु वर्ग (45-49 वर्ष) में पांचवां स्थान हासिल किया।
यह प्रतियोगिता दुनिया की सबसे कठिन स्पर्धाओं में से एक मानी जाती है, जिसमें एथलीटों को 3.8 किमी समुद्र में तैरना, 180 किमी साइकिल चलाना और 42.2 किमी की मैराथन दौड़ पूरी करनी होती है। तेज हवाओं और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद मयंक ने न सिर्फ लक्ष्य पार किया बल्कि स्पेन, ताइवान और वियतनाम जैसे देशों के टॉप इंटरनेशनल एथलीटों के साथ पोडियम साझा कर भारत का नाम रोशन किया। मयंक अब 14 सितंबर, 2025 को फ्रांस के नीस में होने वाली आयरनमैन वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
उनके इस सफर की शुरुआत एक जुनून से हुई थी, जो अब एक मिशन बन चुका है। 48 वर्षीय मयंक वैद न केवल एक ट्रायथलीट हैं, बल्कि एक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर भी हैं। उन्होंने ट्रेडमिल पर मात्र 10 दिनों में 10 मैराथन पूरी कर यह कीर्तिमान स्थापित किया। वह एक अल्ट्रा-रनर और अल्ट्रा-ट्रायथलीट हैं, जो हर चुनौती को एक नए अवसर में बदलना जानते हैं। मयंक, बीएसएफ के दिवंगत उप महानिरीक्षक अशोक कुमार और हिमाचल प्रदेश मानवाधिकार आयोग की पूर्व सदस्य नीरू वैद के पुत्र हैं। वर्तमान में वह हांगकांग में सॉलिसिटर के तौर पर कार्यरत हैं और एलवीएमएच ग्रुप के एशिया-प्रशांत व चीन मार्केट के वरिष्ठ प्रबंधन का हिस्सा हैं।