
नशे के दलदल में फंसे युवाओं को बचाने के लिए बेशक अभिभावक लाखों रुपये खर्च करके नशामुक्ति केंद्रों में भेज रहे हैं लेकिन यहां से भी कई युवा नशे की लत नहीं छोड़ पा रहे हैं। हाल ही में शहर में चिट्टे के साथ पकड़े गए युवक के परिजनों ने बताया किया कि वह अपने बेटे को सात बार नशामुक्ति केंद्र में भेज चुके हैं। वह नशा नहीं छोड़ पा रहा है। मजबूरी में वह अब उसकी जमानत लेने से भी कतरा रहे हैं, ताकि वह फिर बाहर आकर नशा न लेने लगे। जिले में ऐसे ही कई अभिभावक हैं जो कि चिट्टे की लत में फंसे अपने बच्चों को इससे बाहर निकालने में बेबस नजर आ रहे हैं।
इसकी मुख्य वजह यह है कि जिले में निजी क्षेत्र में ही नशामुक्ति केंद्र चल रहे हैंस लेकिन यहां पर नशे के आदी युवाओं के उपचार के लिए मनोरोग विशेषज्ञ की उपलब्धता न के बराबर है। नियमों में हर महीने इन केंद्रों में संचालकों को मनोरोग विशेषज्ञ का निरीक्षण करवाना पड़ता है, लेकिन एडीसी शिमला की अध्यक्षता में गठित टीम के निरीक्षण में भी इसको लेकर कई खामियां सामने आ चुकी हैं। इसी तरह से शहर में कुछ समय पहले नशा खरीदने के लिए ठगी करने वाले आरोपी की जांच में भी यह बात सामने आई थी। पुलिस जांच में युवक के परिजनों ने बताया था कि वह कई बार युवक को नशामुक्ति केंद्र भेज चुके थे लेकिन वह फिर नशे की लत का शिकार हो गया था।
पहले नशे की लत, फिर तस्करी-चोरियां कर रहे युवा
चिट्टे की लत में पड़कर युवा अपनी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं तो वहीं आपराधिक घटनाओं को भी अंजाम दे रहे हैं। जांच में सामने आया है कि पांच में से चार चोरी के मामलों में चिट्टे के आदी युवा आरोपी हैं। पहले युवा दोस्तों या परिचितों के साथ शौक में नशे का सेवन करते हैं और इसके बाद नशे की आपूर्ति के लिए पैसे नहीं मिलने पर चोरी और लूटपाट जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इसके अलावा नशे के आदी युवा चिट्टे की तस्करी में भी संलिप्त पाए जा रहे हैं। हाल ही पुलिस ने आईजीएमसी में तीमारदारों को सीआईडी का अफसर बनकर ठगी करने के मामले में एक युवक को गिरफ्तार किया है।
चिट्टे का नशा युवाओं को अपराध की ओर धकेल रहा है। ऐसे में अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि बच्चों की गतिविधियों पर निगरानी रखें और अगर वे लत में फंस जाते हैं तो उनका उपचार करवाएं। नशे के लिए युवा चोरी, लूटपाट जैसी घटनाओं और नशे की तस्करी जैसे आपराधिक कृत्यों में संलिप्त हो रहे हैं। पुलिस कार्रवाई कर रही है।