
बीपीएल में चयन के लिए शपथपत्र में झूठी जानकारी देने पर सूची से नाम तो हटेगा ही, साथ ही लिया गया लाभ भी लाैटाना पड़ेगा। प्रदेश सरकार ने बीपीएल में आवेदन के लिए शपथपत्र का नया प्रारूप जारी किया है, जिसमें इसका विशेष तौर पर उल्लेख किया गया है। प्रदेश में बीपीएल में शामिल होने वाले 2,82,370 परिवारों को चयन के लिए घोषणा/शपथपत्र के नए प्रारूप पर आवेदन करना होगा। प्रदेश सरकार ने पुराने प्रारूप में असमंजस की स्थिति को दूर करने के लिए नया प्रारूप जारी किया है। इसे सभी खंड विकास अधिकारी कार्यालयों और ग्रामीण विकास विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध करवाया जाएगा।
आवेदन करने वालों को यह विवरण देना होगा
आवेदन करने वालों को सबसे पहले परिवार के सदस्यों के नाम, बीपीएल क्रमांक संख्या, लिंग, जाति, आयु, परिवार के मुखिया से संबंध और व्यवसाय का विवरण देना होगा। मापदंडों से संबंधित साक्ष्य आवेदन के साथ संलग्न करने होंगे। जिनमें परिवार में 18 से 59 आयु का कोई व्यस्क सदस्य नहीं है। परिवार की मुखिया महिला (विधवा, अविवाहित, तलाकशुदा, परित्यक्ता) है और कोई व्यस्क पुरुष सदस्य नहीं है। परिवार का मुखिया स्वयं 50 फीसदी से अधिक विकलांग है। परिवार के सभी व्यस्क सदस्यों ने पिछले वित्त वर्ष में मनरेगा के तहत 100 दिन का काम किया है। परिवार का कमाने वाला सदस्य कैंसर, अल्जाइमर, मस्कुलरडिस्ट्रॉफी, हिमोफिलिया, थैलीसिमिया या अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित होने के कारण स्थायी रूप से अक्षम हो गया है शामिल हैं।
साक्ष्यों के साथ जानकारी देनी होगी
इसके अलावा परिवार के पास रहने के लिए पक्का मकान नहीं है, परिवार आयकर नहीं देता, सभी स्रोतों से वार्षिक आय 50,000 से कम है, एक हेक्टेयर से कम भूमि है, कोई भी सदस्य सरकारी, अर्धसरकारी या निजी नौकरी में नहीं है, इन सबकी साक्ष्यों के साथ जानकारी देनी होगी। घोषणा करनी होगी कि शपथपत्र में दी गई जानकारी बिल्कुल सही है। जानकारी गलत पाए जाने पर मेरे परिवार का नाम बीपीएल सूची से हटा दिया जाए। बीपीएल में चयन के बाद भविष्य में यदि मेरे द्वारा दी गई जानकारी झूठी प्रमाणित होती है तो बीपीएल सूची में रहकर लिए सभी लाभों की भरपाई किया जाना उचित होगा।
15 अक्तूबर तक जारी होंगे अस्थायी बीपीएल प्रमाणपत्र
बीपीएल की नई सूची 15 अक्तूबर तक तैयार होगी। इस अवधि में बीपीएल में पहले से शामिल लोगों को छह माह के लिए अस्थायी बीपीएल प्रमाणपत्र जारी होंगे। ग्रामीण विकास विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने इसे लेकर संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सूची के सत्यापन के लिए गठित समिति में एसडीएम पंचायत की एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को शामिल कर सकेंगे। सत्यापन समिति के सदस्य जानबूझ कर कोई लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 15 दिन का नोटिस देकर बर्खास्त करने का प्रावधान किया गया है