नड्डा बोले- नहीं चल रही सरकार तो इस्तीफा दें सीएम सुक्खू, प्रदेश की राजनीति में दिलचस्पी नही

BJP President Jagat Prakash Nadda said there is no possibility of return to Himachal politics

हिमाचल प्रदेश में सरकार की हालत बहुत ही दयनीय है। अगर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से सरकार नहीं चलाई जा रही है तो वह इस्तीफा दे सकते हैं। यह बात भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने गगल में पत्रकारों से कही। उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल की राजनीति में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं हैं। मैं जहां हूं, वहीं ठीक हूं। नड्डा ने प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा कि दूसरों पर आरोप लगाने वाली सुक्खू सरकार ने खुद अव्यवस्था फैला रखी है। केंद्र से मिल रहे पैसों का सुक्खू सरकार सही इस्तेमाल नहीं कर पा रही। प्रदेश के इतिहास में पहली बार 31 मार्च को ट्रेजरी बंद रही, जबकि पूर्व में 31 मार्च को ट्रेजरी में रात तक काम होता था। इससे बड़ा कुप्रबंधन और क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल को सौगात मात्र केंद्र में बनी भाजपा सरकार से ही मिली हैं, जबकि कांग्रेस सरकार ने तो हिमाचल से विशेष पैकेज तक छीना है। सुक्खू सरकार बार-बार रोना रोती है कि केंद्र सरकार से पैसे नहीं मिल रहे, जबकि हकीकत यह है कि केंद्र ने 1,782 करोड़ आपदा के लिए हिमाचल को दिए थे। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस सरकार से पूछना चाहते हैं कि कौन सा पैसा है जो केंद्र ने नहीं दिया है।

उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड को बिना छपे ही सुक्खू सरकार ने विज्ञापन दे दिए और सरकार ने बेशर्मी दिखाते हुए कह दिया कि यह उनका अपना पेपर है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए 100 करोड़ दिए थे, जिसमें से 25 करोड़ जारी होने के बावजूद प्रदेश सरकार ने उसे यह कहकर लौटा दिया कि यह पार्क उनसे नहीं बनेगा। बल्क ड्रग पार्क के लिए एक हजार करोड़ रुपये दिए, जिसमें 225 करोड़ जारी होने पर भी खर्च नहीं किए गए। हेल्थकेयर में 12 क्रिटिकल केयर यूनिट दिए हैं। इनमें से प्रदेश सरकार एक भी नहीं चला पाई है। मदर चाईल्ड, इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ सहित अन्य पर भी काम नहीं हुआ। नड्डा ने कहा कि कांग्रेस को सत्ता सौंपने वाली प्रदेश की जनता अब पश्चाताप कर रही है। नड्डा ने कहा कि कांगड़ा घाटी रेललाइन विस्तार पर गंभीरता से काम किया जा रहा है। केंद्र से प्रदेश को जारी बजट पर नड्डा ने कहा कि हिमाचल के विकास कार्यों के लिए 11,806 करोड़ का बजट दिया है। टैक्स में 2024-25 में मार्च 31 तक 10,681 करोड़ में से 8,915 करोड़ 10 जनवरी 2025 तक दिए गए। ग्रांट इन एड में हिमाचल को 13,285 करोड़, कैपिटल इन्वेस्टमेंट इंडस्ट्री व लैंड डिजिलाइजेशन के लिए 1,050 करोड़, रेलवे में इस बार के बजट में 2,700 करोड़ दिए, जबकि उसमें हिमाचल सरकार जमीन ही अधिग्रहण नहीं कर पा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *