
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सिरमौर जिले के कालाअंब के त्रिलोकपुर क्षेत्र में खैर के बड़े पैमाने पर कटान पर स्वत: संज्ञान लिया है। अदालत ने इस पर सरकार सहित सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की।
अदालत ने इस पर सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट के संज्ञान में तस्वीरों के माध्यम से दिखाया गया कि किस तरह से इस क्षेत्र में खैर के पेड़ काटे जा रहे हैं। अब मामले की सुनवाई 27 मई को होगी। मामले में राज्य सरकार के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव (वन), प्रधान मुख्य वन संरक्षक, उपायुक्त सिरमौर और वन अधिकारी नाहन को प्रतिवादी बनाया गया है।
अमर उजाला ने 28 मार्च के अंक में त्रिलोकपुर में जंगल झाड़ी भूमि पर खैर कटान का मामला प्रमुखता से उठाया था। यहां पेड़ों को तीन फीट तक जमीन की खोदाई कर जड़ों समेत उखाड़ लिया गया था। नियमों को ताक पर रखकर करीब 3500 बीघा भूमि पर खैर के करीब 5 हजार पेड़ों को काटकर मिलीभगत से ठिकाने लगाए जाने की आशंका जताई जा रही है।