
हिमाचल में वर्ष 2025 में 33.36 करोड़ रुपये की साइबर ठगी हुई है। इस वर्ष के 112 दिनों में अब तक प्रदेश के 5,695 लोग साइबर ठगी का शिकार हुए। हर दिन औसतन 50 लोग साइबर ठगों का निशाना बन कर अपनी पूंजी गंवा रहे हैं। हर दिन औसतन 29,79,338 रुपये की ठगी वर्ष के शुरूआती चार माह में रिपोर्ट हुई है। राहत की बात यह है हिमाचल पुलिस की सतर्कता से ठगी की राशि को शातिर के बैंक खातों में होल्ड करने के प्रतिशत में 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में ठगी का शिकार हुए लोगों को उनका पैसा वापस मिलने की संभावना बढ़ी है।
ठगी की शिकायतों पर हिमाचल पुलिस की ओर से साइबर ठगों के हजारों बैंक खातों में 6,75,60,671 रुपये की राशि होल्ड की गई है। इन बैंक खातों को फ्रीज कर ठगी की राशि को होल्ड किया गया है। जांच के बाद यह राशि ठगी पीड़ितों को अदालत के आदेशों पर वापस मिलती है। जांच एजेंसियों और सरकार की ओर से चलाए गए जागरूकता अभियान का नतीजा है कि अब लोग साइबर हेल्पलाइन पोर्टल 1930 के बारे में अधिक जागरूक हुए हैं। इस पोर्टल पर हिमाचल में बीते 112 दिनों में कुल 73,781 कॉल प्राप्त हुई हैं। हर माह औसतन 18,445 जबकि हर दिन औसतन 670 कॉल प्राप्त हुई हैं। इनमें से 4,950 शिकायतों को नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर अपलोड किया गया है। पोर्टल पर तुरंत शिकायत अपलोड होने से ठगी के शिकार लोगों का पैसा वापस मिलने की संभावना बढ़ जाती है। यही वजह है कि शातिरों के खातों में ठगी का पैसा होल्ड करने की प्रतिशतता बीते दो वर्षों के मुकाबले 17 फीसदी बढ़ गई है
मोबाइल फोन घनत्व में देश में दूसरे नंबर पर हिमाचल
केंद्रीय संचार मंत्रालय के अनुसार ओवरऑल टेलीडेंसिटी में दिल्ली पहले और हिमाचल दूसरे स्थान पर है। दिल्ली में टेलीडेंसिटी 280.78 प्रतिशत है। हिमाचल में यह घनत्व प्रतिशतता 120.80 है। यही वजह है कि हिमाचल प्रदेश के मोबाइल यूजर साइबर ठगों के खास निशाने पर हैं।
साइबर ठगों के बैंक खातों में ठगी की राशि को होल्ड करने के प्रतिशत में 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2025 में यह प्रतिशत अब तक 20.3 रहा है जो कि दो वर्ष पूर्व 2023 में महज 3.8 प्रतिशत था। लोग ठगी की शिकायत करने को लेकर जागरूक हुए हैं। लोग निवेश करने से पूर्व सतर्कता बरतें और सोशल मीडिया के माध्यम से किसी के झांसे में न आएं। कोई भी संदिग्ध कॉल आने पर टॉल फ्री नंबर पर संपर्क करें-