लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों की पेंशन बढ़ाने पर पुनर्विचार हो

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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की पेंशन बढ़ोतरी पर पुनर्विचार के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने सरकार को 12 मार्च 2004 की अधिसूचना को संशोधित करने के निर्देश देते हुए कहा कि जब पेंशन देने का प्रावधान है तो इसे बढ़ाने पर भी विचार होना चाहिए। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने याचिका का निपटारा करते हुए ये निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने सरकार को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को ध्यान में रखने का निर्देश दिया। अदालत के आदेशों की अनुपालना के लिए इस मामले को 17 जून को सूचीबद्ध किया है। खंडपीठ ने कहा है कि आयोग के अध्यक्ष और सदस्य पेंशन के हकदार हैं।

यह पेंशन गैर-सरकारी सदस्यों के लिए लगभग दो दशक पहले जारी अधिसूचना के तहत शुरू की गई थी। दुर्भाग्य से आज तक इसमें संशोधन नहीं किया है। बता दें कि हाईकोर्ट में यह याचिका आयोग के पूर्व अध्यक्ष केएस तोमर की ओर से वर्ष 2020 में दायर की गई थी। याचिका में आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों को सम्मानजनक पेंशन दिए जाने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता के अनुसार प्रदेश लोक सेवा आयोग एक सांविधानिक संस्था है। इसके अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति सांविधानिक पद पर होती है। याचिका में आरोप लगाए गए थे कि जब अध्यक्ष व सदस्य लोक सेवा आयोग से सेवानिवृत्त होते हैं तो उन्हें 350 व 250 रुपये मासिक पेंशन दी जाती है। यह न केवल उनके साथ मजाक है बल्कि सांविधानिक पद को अपमानित करने जैसा है।

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