पीएमओ सख्त, फोरलेन निर्माण की सारी जानकारी साझा करने के निर्देश

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Himachal PMO strict instructions to share all information of four-lane construction know the whole matter

हिमाचल प्रदेश में फोरलेन और टू-लेन सड़कों के निर्माण को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय ने सख्त रुख अपनाया है। पीएमओ ने बिलासपुर, पालमपुर, हमीरपुर, मंडी, शिमला और सिरमौर के फोरलेन परियोजना निदेशकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वह निर्माण कार्यों से जुड़ी सभी जानकारी फोरलेन विस्थापित एवं प्रभावित समिति के साथ साझा करें।

पीएमओ के निर्देशों में जिन सूचनाओं को साझा करने को कहा गया है, उनमें भूमि अधिग्रहण इकाइयों का ब्योरा, इन इकाइयों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों की उम्र, वेतन, शैक्षणिक योग्यता, नियुक्ति से पहले प्रकाशित किए गए विज्ञापन, साक्षात्कार प्रक्रिया, यूनिट का मासिक खर्च, कर्मियों की पुनर्नियुक्ति और उनका कार्यकाल शामिल है। पहले भी इस संबंध में जानकारियां मांगी गईं थीं। पीएमओ की हिदायत पर एसडीएम पालमपुर और भू-अर्जन अधिकारी शिमला ने पूरी जानकारी भेज दी है। जबकि बिलासपुर, सोलन, कांगड़ा, ज्वालामुखी, नादौन और हमीरपुर ने आधी-अधूरी सूचनाएं भेजीं।

वहीं नालागढ़ और पंडोह परियोजनाओं से कोई भी जानकारी नहीं भेजी गई है। बड़ी बात यह है कि किरतपुर-नेरचौक फोरलेन के अलाइनमेंट में बदलाव को लेकर वर्ष 2020 में शिकायत दर्ज करवाई गई थी। यह शिकायत गांव बागठेहडू़, डाकघर भगेड़, तहसील घुमारवीं बिलासपुर निवासी मदन लाल ने की थी। आरोप था कि फोरलेन की दिशा में परिवर्तन कर कुछ निजी व्यक्तियों को लाभ पहुंचाया गया।

2022 में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण दिल्ली के मुख्य सतर्कता अधिकारी ने राज्य सरकार से स्वयं जांच करने की अनुमति मांगी थी। अब तीन वर्ष बीतने के बावजूद जांच अभी अधूरी है। उधर, फोरलेन विस्थापित एवं प्रभावित समिति ने कहा है कि अगर प्रधानमंत्री कार्यालय के स्पष्ट निर्देशों के बाद भी जानकारी छुपाई जा रही है, तो यह दर्शाता है कि परियोजना के भीतर कुछ न कुछ गड़बड़ी जरूर है। समिति ने मांग की है कि जांच को शीघ्र पूरा कर दोषियों को बेनकाब किया जाए।

आरटीआई से हुआ खुलासा: अब 2025 में फिर मांगी गई स्थिति रिपोर्ट
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सामने आए दस्तावेजों से पता चला है कि 18 फरवरी 2025 को उक्त शिकायत गृह विभाग (सतर्कता) के माध्यम से फिर से राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को भेजी गई। इस पर कार्रवाई करते हुए 13 मार्च 2025 को डीआईजी विजिलेंस राहुल नाथ ने एनएचएआई के मुख्य सतर्कता अधिकारी दिल्ली को पत्र जारी कर जांच की अद्यतन स्थिति की जानकारी मांगी। पत्र संख्या एसवी एंड एसीबी (आर-सीआर-एचक्यू) सीओएमपी-08/2020 में सात संलग्न किए हुए दस्तावेजों के साथ यह पत्र भेजा गया है।

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