
पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर दिवंगत विमल नेगी की मौत के मामले की जांच हिमाचल हाईकोर्ट की ओर से सीबीआई को सौंपने के बाद पुलिस विभाग के अंदर अनुशासनहीनता और तनातनी पर डीजीपी और एसपी नप सकते हैं। हिमाचल प्रदेश में पहली बार किसी एसपी ने डीजीपी के खिलाफ इतने बड़े स्तर पर मोर्चा खोला है। अफसरों में अपनी डफली अपना राग से नौकरशाही में आपसी खींचतान सामने आई है। सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू इस मामले पर फैसला ले सकते हैं। उनका राज्यपाल से मिलने का भी कार्यक्रम है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू आज दोपहर 2:30 पत्रकार वार्ता भी करेंगे।
एसपी शिमला संजीव कुमार गांधी ने डीजीपी डॉ. अतुल वर्मा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने कोर्ट में गलत और गैर-जिम्मेदार हलफनामा दाखिल किया है। इसकी वजह से विमल नेगी मौत मामले की जांच सीबीआई के पास चली गई है। एसपी ने चिट्टा तस्कारी में डीजीपी दफ्तर से तार जुड़े होने का भी आरोप लगाया। उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान डीजीपी ने अपने हलफनामे में शिमला पुलिस की एसआईटी की जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे। उधर, डीजीपी ने एसपी पर ऑल इंडिया सर्विसेज कंडक्टर रूल्स के उल्लंघन पर निलंबित करने का आग्रह किया है।
राज्यपाल से मांगा समय
सीएम सोमवार को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मिलेंगे। इसके लिए राज्यपाल से शिष्टाचार भेंट करने के लिए समय मांगा गया है। सीएम सुक्खू राज्यपाल से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत कर सकते हैं।