गुच्छी के कारोबार के लिए प्रसिद्ध कुल्लू घाटी में इस बार गुच्छी के दाम में तेजी देखने को मिली है। गुच्छी के कारोबार के लिए प्रसिद्ध सैंज, बंजार व बालीचौकी मेले में इस बार दाम में 1,500 रुपये का उछाल आया है। गुच्छी 6,000 रुपये प्रति किलो बिक रही है। गुच्छी की कम पैदावार के कारण रेट में उछाल देखने को मिला है।
जिला कुल्लू में करीब चार से पांच करोड़ रुपये का गुच्छी का कारोबार होता है इससे पूरे जिला के ग्रामीण लोगों की आर्थिकी जुड़ी है। लोग 15 मार्च से लेकर 15 मई तक जंगलों, खेतों व बगीचों में गुच्छी को ढूंढते हैं। हालांकि इसकी खरीद के लिए व्यापारी गांव-गांव जाते हैं। मगर बड़े स्तर पर इसकी खरीद सैंज, बंजार व बालीचौकी मेले में की जाती है। ग्रामीण बेली राम, झाबे राम, निक्का राम, दुनी चंद, प्यारी देवी और माघी देवी ने कहा कि इस बार पिछले साल के मुकाबले गुच्छी नहीं मिली है। इस बार सूखा पड़ने से जंगल में प्राकृतिक रूप से गुच्छी का उत्पादन नहीं हो पाया है। गुच्छी कम मिलने से इसके रेट में उछाल आया है और लोग 6,000 रुपये प्रति किलो बेच रहे हैं।
गुच्छी कारोबारी बीर सिंह ठाकुर और बेली राम ने कहा कि वह दो दशकों से गुच्छी का व्यापार कर रहे हैं। इस बार 2024 के मुकाबले रेट में वृद्धि हुई है और 1500 रुपये के उछाल के साथ 6,000 रुपये प्रति किलो गुच्छी खरीदी है। दोनों व्यापारियों ने पिछले साल करीब पांच क्विंटल गुच्छी खरीदी थी मगर इस बार मात्र 68 किलोग्राम की ही खरीद की है।
फाइव स्टार होटलों की शान है गुच्छी
प्राकृतिक तौर पर उगने वाली गुच्छी प्रधानमंत्री से लेकर विदेशी राजनेताओं की थाली की शान रही है। इसके अलावा बाॅलीवुड हस्तियों के साथ देश के फाइव स्टार होटलों में इसकी मांग रहती है। गुच्छी में कई गुण पाए जाते हैं। इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन-डी और अन्य पोषक तत्व शामिल हैं। इसमें एंटीऑक्सिडेंट भी पाए जाते हैं जो हृदय रोगों और मधुमेह को रोकने में मदद करते हैं।