आपातकालीन सेवाओं में तैनात 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारियों ने 24 घंटों की हड़ताल मंगलवार रात 8 बजे से शुरू हो गई है। बुधवार रात आठ बजे तक 102 और 108 एंबुलेंस कर्मी सेवाएं नहीं देंगे। एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन संबंधित सीटू ने श्रम कानूनों के उल्लंघन पर हड़ताल का एलान किया है।
यूनियन का कहना है कि न्यायिक आदेशों को लागू नहीं किया जा रहा, न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जा रहा और कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। मांगों को लेकर एनएचएम प्रबंध निदेशक एवं मेडस्वान फाउंडेशन कंपनी राज्य प्रमुख के साथ हुई बैठक में यूनियन की मांगों पर सकारात्मक फैसला न होने से एक दिन की हड़ताल का निर्णय बरकरार रखा गया है। हड़ताल के दौरान कोई भी ड्राइवर व ईएमटी कार्य नहीं करेगा। हड़ताल के तहत 28 मई को सभी जिला मुख्यालयों, नेशनल हेल्थ मिशन प्रबंध निदेशक कार्यालय शिमला एवं मेडस्वान फाउंडेशन मुख्य कार्यालय धर्मपुर सोलन में प्रदर्शन होंगे। यूनियन ने चेताया है कि अगर फिर भी कर्मचारियों की मांगों का समाधान न हुआ और प्रताड़ना बंद न की तो आंदोलन तेज होगा।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, महासचिव प्रेम गौतम, उपाध्यक्ष जगत राम, शिमला जिलाध्यक्ष कुलदीप डोगरा, सचिव अमित कुमार, यूनियन प्रदेशाध्यक्ष सुनील दत्त, महासचिव बालक राम व उपाध्यक्ष समित कुमार ने कहा कि मुख्य नियोक्ता एनएचएम के अंतर्गत कार्यरत मेडसवान फाउंडेशन के अधीन काम कर रहे सैकड़ों पायलट, कैप्टन व ईएमटी कर्मचारी शोषण के शिकार हैं। बारह घंटे डयूटी करवाई जाती है परंतु इन्हें ओवरटाइम वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है।
यह हैं मांगें
कर्मचारियों को सरकारी नियमानुसार न्यूनतम वेतन का भुगतान किया जाए। बारह घंटे कार्य करने पर नियमानुसार डबल ओवरटाइम वेतन का भुगतान किया जाए। कर्मचारियों को नियमानुसार सभी छुट्टियों का प्रावधान किया जाए। गाड़ियों की मेंटेनेंस व इंश्योरेंस के दौरान कर्मचारियों का वेतन न काटा जाए और कर्मचारियों को पूर्ण वेतन का भुगतान किया जाए। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय, लेबर कोर्ट, सीजेएम कोर्ट शिमला व श्रम विभाग के न्यूनतम वेतन के संदर्भ में आदेशों को तुरंत लागू किया जाए। कई कर्मचारियों को बिना कारण ही कई-कई महीनों तक डयूटी से बाहर रखा जाता है। उन्हें डराया-धमकाया जाता है, इसे तुरंत बंद किया जाए।