अपराधियों के लिए हिमाचल प्रदेश के जेलों की सुरक्षा अभेद्य होगी। प्रदेश की जेलों में कैदियों के भागने या भिड़ने पर शिमला के जिला कारागार कैथू में स्थापित इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर में अलार्म बजेगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये सिस्टम में कैदियों की फोटो और वीडियो कैप्चर हो जाएगी, साथ ही कमांड सेंटर में अलर्ट आएगा कि प्रदेश के किस जेल में कैदी भाग या आपस में भिड़ गए हैं। इस दिशा में हाई सिक्योरिटी कमांड सेंटर से उपरोक्त जेलों को सूचित किया जाएगा। इससे किसी भी घटना को जल्दी पकड़ने, उसका निर्णय लेने या जवाब देने में मदद मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद हिमाचल जेलों और कैदियों की सुरक्षा के लिए इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर स्थापित करने वाला देश का पहला राज्य बना गया है।
शिमला की कैथू जेल में इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) से प्रदेश की 14 जेलें जुड़ गई हैं। इससे हिमाचल की जेलों में लगे करीब 750 सीसीटीवी कैमरों की एक साथ निगरानी होगी। अधिकारी जेलों में कैदियों की ट्रैकिंग और सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग के साथ रियल टाइम जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। विशेष तौर पर प्रदेश की जेलों में कैदियों के बीच में झगड़ा, आपसी विवाद या जेल की बाउंड्री लाइन को पार करने जैसे अप्रिय घटना होती है, तो उसका सेंसर, अलार्म इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर में बजेगा। उपरोक्त घटना वीडियो और सीसीटीवी फुटेज में कैद हो जाएगाी। आईसीसीसी में ऐसे उपकरण भी हैं जो जेलों में मौजूद डेटा को सुरक्षित रखने के साथ एक ही समय में कई स्थितियों की निगरानी कर सकते हैं, जिससे जेलों में सुरक्षा को बनाए रखने के साथ मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे राज्य में अपराध पर अंकुश लगेगा