सीबीआई को ठहरने के लिए पीटरहॉफ और सर्किट हाउस नहीं देगी हिमाचल सरकार

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पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में जांच करने आ रही सीबीआई को हिमाचल सरकार पीटरहॉफ और सर्किट हाउस (विली पार्क) देने के मूड में नहीं है। बीते गुड़िया कांड के दौरान भी सीबीआई के अधिकारी कई महीने तक पीटरहॉफ में रहे। इस पर भी पर्यटन निगम ने सरकार को लाखों रुपये के बिल थमाया, मगर उसकी वसूली नहीं हो पाई। गुड़िया कांड में सीबीआई जांच अधिकारी स्टेट गेस्ट थे। अगर सीबीआई ने आवास और बेस कैंप बनाने के लिए सरकार से कमरों की डिमांड की तो उसे रेस्ट हाउस उपलब्ध कराया जाएगा।

वहीं, हाईकोर्ट में सौंपी गई प्रशासनिक रिपोर्ट में पेखुबेला प्रोजेक्ट का भी जिक्र है। ऐसे में वित्तीय लेने देने से संबंधित आशंका के चलते प्रवर्तन निदेशालय भी इस मामले की जांच कर सकती है। सीबीआई की टीम एक-दो दिन बाद शिमला पहुंच सकती है। ऐसे में सीबीआई विमल नेगी के परिजनों सहित अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ओंकार शर्मा, पुलिस महानिदेशक अतुल वर्मा, पुलिस अधीक्षक संजय गांधी और एसआईटी के सदस्यों से भी पूछताछ करेगी। इसके अलावा ओंकार शर्मा की ओर से हाईकोर्ट में दी गई रिपोर्ट में जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान है, उनके भी बयान दर्ज होंगे।

21.96 लाख रुपये के बिलों का भुगतान करने को सीबीआई ने किया था इन्कार
हिमाचल पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) ने 21.96 लाख रुपये के बिलों का भुगतान करथे। यहां सीबीआई ने अपना बेस कैंप बनाया। वीरभद्र सरकार के कार्यकाल में सीबीआई टीम इस बहुचर्चित मामले की जांच के लिए हिमाचल प्रदेश आई तो उस वक्त शुरू हुई यह मेहमान नवाजी जयराम सरकार के कार्यकाल में भी लंबे समय तक बनी रही। जयराम सरकार के कार्यकाल में जब निगम ने करीब 21,96,590 रुपये के बिल बनाकरने से सीबीआई को भी पत्र लिखा था, लेकिन सीबीआई ने इसे देने से इन्कार कर दिया था। सीबीआई की ओर से स्पष्ट किया था कि स्टेट गेस्ट के नाते यह भुगतान हिमाचल सरकार को ही करना था। निगम ने राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ शिमला में सीबीआई के अधिकारियों को वर्ष 2017 और 2018 में करीब डेढ़ साल तक सरकारी मेहमान बनाया था। इनके पास छह कमरे जीएडी को दिए तो इनका भुगतान नहीं हुआ।

पुलिस मुख्यालय पहुंचे अतुल वर्मा
पुलिस महानिदेशक अतुल वर्मा बुधवार को साढ़े 11 पुलिस मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने टेबल पर रखी फाइलों को समेटा। इस दौरान उन्होंने पुलिस अधिकारियों से भी बातचीत की। करीब एक बजे वह लौट गए। डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार मिलने के बाद अशोक तिवारी ने भी पुलिस मुख्यालय पहुंचकर चार्ज संभाला। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक भी की। सूत्र बताते हैं कि उन्होंने 30 मई को कार्यालय में बैठने की बात कही। उल्लेखनीय है कि अशोक तिवारी इन दिनों पुलिस महानिदेशक विजिलेंस हैं।

सीबीआई को सहयोग करेगी सरकार : विक्रमादित्य
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राज्य सरकार विमल नेगी के परिवार को न्याय दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को हर स्तर पर सहयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस मामले से जुड़े अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करके यह स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार सीबीआई को इस मामले की जांच देने के उच्च न्यायालय के निर्णय को स्वीकार करती है। उन्होंने कहा कि भाजपा की कार्यशैली में उतावलापन दिखाई देता है और उन्होंने जल्दबाजी में आधारहीन तथ्यों को पेश करते हुए सरकार के खिलाफ राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है। विमल नेगी की मौत पर राजनीति करने का यह समय नहीं है। 

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