
हिमाचल प्रदेश के बहुतकनीकी कॉलेजों में नियुक्त 20 एसोसिएट प्रोफेसर डिमोट होंगे। तकनीकी शिक्षा विभाग की प्रारंभिक जांच में नियमों के खिलाफ पदोन्नतियां पाई गई हैं। मंत्री राजेश धर्माणी ने इस बाबत तकनीकी शिक्षा सचिव को पत्र जारी कर 15 दिनों के भीतर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मामले को लेकर की गई कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट भी देने को कहा गया है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2020 में 20 एसोसिएट प्रोफेसरों को पदोन्नत किया गया था। कुछ समय पूर्व तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी को शिकायत मिली थी कि पदोन्नति के लिए तय नियमों और शैक्षिक अनुभव की शर्तों को पूरा नहीं किया गया।
पदोन्नति के लिए एसोसिएट प्रोफेसर पात्र नहीं थे। इसके बावजूद इन्हें लाभ दिए। इससे सरकारी खजाने का दुरुपयोग हुआ। पदोन्नति के बाद इन्हें हायर पे स्केल दिया गया। इससे करीब 25 करोड़ अतिरिक्त सालाना खर्च बढ़ा। तकनीकी शिक्षा मंत्री को भेजी शिकायत में कहा गया कि विभाग में पदोन्नतियों से जुड़े मामले कोर्ट में विचाराधीन है। मंत्री के निर्देशों पर हुई विभागीय जांच में आरोप सही पाए। इसके चलते तकनीकी शिक्षा मंत्री ने विभागीय सचिव को आगामी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
निलंबित शिक्षकों की अपील पर शिक्षा सचिव 31 मई को लेंगे फैसला
वहीं, निलंबित प्राथमिक शिक्षकों की अपील पर शिक्षा सचिव 31 मई को फैसला लेगें। यह जानकारी हाईकोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता की ओर से दी गई। कोर्ट के आदेशों के बाद निलंबित प्राथमिक शिक्षकों के मामले में 27 मई को शिक्षा सचिव कार्यालय में सुनवाई हुई। न्यायाधीश संदीप शर्मा की अदालत अब मामले की सुनवाई 2 जून को करेगी। अदालत ने शिक्षा विभाग को लंबित अपील को जल्द निर्धारित करने के निर्देश दिए थे कि प्रताड़ित शिक्षकों की बहाली में अनावश्यक देरी न की जाए। 31 मई से पहले इन शिक्षकों को बहाल किया जाए। शिक्षक बीते 26 अप्रैल से स्कूल शिक्षा निदेशालय के परिसर में धरने पर बैठे हैं। 26 अप्रैल को शिमला के चौड़ा मैदान में बिना अनुमति धरना देने और सरकार के खिलाफ गलत बयानबाजी करने के आरोप में शिक्षा विभाग की ओर से आठ प्राथमिक शिक्षकों को निलंबित किया गया है। निलंबन के आदेशों काे शिक्षकों ने याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी है।