हिमाचल प्रदेश में ठगी का खेल जारी है। मामले बढ़ते जा रहे हैं। लाख अपील के बाद लोग आसानी से शातिरों का शिकार हो रहे हैं। मंडी साइबर थाना में एक दिन में ठगी की 40 शिकायतें पहुंची हैं। ठगी होने पर पीड़ित पुलिस के पास अपनी धनराशि के लिए पहुंच रहे हैं। मंडी साइबर पुलिस थाना पांच लाख रुपये से अधिक ठगी मामलों में ही जांच पड़ताल करता है। जबकि इससे छोटे मामले संबंधित थानों को प्रेषित किए जा रहे हैं। छोटी ठगी के मामले में एक मामला ऐसा भी है, जिसमें शिकायतकर्ता दो हजार रुपये ठगने की शिकायत लेकर थाना पहुंचा है। पांच लाख रुपये से अधिक ठगी मामलों की बात करें तो मंडी साइबर थाना में सात मामले दर्ज हुए हैं। इनमें न्यूनतम पांच लाख रुपये से अधिकतम 76 लाख रुपये ठगी मामले शामिल हैं। इन सात मामलों में कुल दो करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि ठगने के आरोप हैं ठगी के मामलों की संख्या को देखते हुए पुलिस अधिकारी भी चिंतित हैं। विभिन्न माध्यमों से ओटीपी साझा न करने या किसी को बिना जांच परखे धनराशि न देने की जानकारी लगातार हर उपभोक्ता को दी जा रही है। बावजूद अधिकतर मामलों में धनराशि खुद उपभोक्ता की तरफ से शातिरों को दी जा रही है। शिकायतों का बढ़ता दबाव भी पुलिस के लिए चुनौती है। ठगी की शिकायतों में लगातार इजाफा हो रहा है। चंद रुपये की खातिर या लालच में अपनी जानकारी शातिरों से शेयर कर देते हैं और फिर ठगी का शिकार हो जाते हैं।बता दें कि मंडी साइबर पुलिस थाना में मंडी के अलावा कुल्लू, लाहौल-स्पीति, बिलासपुर और हमीरपुर जिले आते हैं। इन जिलों से शिकायतें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से पहुंच रही हैं
ऐसे बचें
निजी जानकारी, ओटीपी समेत अन्य जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
कुछ धनराशि लगाकर हाई रिटर्न के वायदे पर जांच परखकर ही निवेश करें।
किसी भी कस्टमर केयर का नंबर केवल उसकी आधिकारिक वेबसाइट से ही लें।
फोन पर लाभ मिलने के झांसे में न आएं और जांच परख कर ही सब करें।
यदि कोई ब्लैकमेलिंग कर फोन पर रुपये मांगता है तो पुलिस में शिकायत दें। रुपये न दें।
सरकारी योजनाओं के नाम पर कोई धनराशि कहीं भी जमा न करवाएं।
ऑनलाइन पेमेंट एप्स से भुगतान करते हुए सतर्क रहें।