सालगिरह के जश्न का केक कटने से पहले काल ने छीन ली जीवनसंगिनी, मातम में बदल गईं खुशियां

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Himachal Before anniversary cake could be cut death took away his life partner happiness turned into mourning

मणिकर्ण घाटी के सुमारोपा में पेड़ की चपेट में आने से मां और बेटी की मौत हो गई। मां- बेटी के साथ हुआ हादसा ससुर और दामाद को जिंदगी भर का दर्द दे गया है। शुक्रवार को कुल्लू की पार्वती घूमने पहुंचीं अविनाश कौर और गुरबचन सिंह की सालगिरह थी। शनिवार को कुल्लू में केक काटा जाना था। इसको लेकर परिवार के आए 6 सदस्यों में खुशी का माहौल था।

सालगिरह का केक काटने की खुशी से पहले ही गुरबचन की जिंदगी से पत्नी अविनाश कौर और बेटी निशु वर्मा सदा के लिए रुखसत हो गईं। इससे गुरबचन सिंह को जिंदगी भर का दर्द मिला है। दूसरी तरफ, गुरबचन सिंह का दामाद राजन कुमार को जिंदगी भर दुख सताता रहेगा कि अगर वह सालगिरह मनाने के लिए मणिकर्ण घाटी न आते तो शायद उन्हें यह दुख न देखना पड़ता। इस हादसे में जहां गुरबचन ने पत्नी व बेटी को खोया है। राजन ने सास और पत्नी निशु वर्मा को खो दिया है। रात करीब 9 बजे क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में पोस्टमार्टम कर उनको लुधियाना ले जाने की औपचारिकता निभाई गई। वहीं दूसरी तरफ इस घटना से हर किसी की आंख 

नम थीं।

… रोते-रोते पिता से लिपट गया मासूम
अपनी मां के निधन का समाचार सुनने के बाद मासूम बेटा पिता राजन कुमार के गले लगकर फफक फफक कर रो पड़ा। इस दौरान यहां मौजूद लोग भी भावुक हो गए।

मणिकर्ण साहिब में माथा टेकने पहुंचा था परिवार
जानकारी के अनुसार सालगिरह के मौके पर अविनाश और गुरबचन सिंह परिवार के साथ मणिकर्ण गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने पहुंचे थे। वह शुक्रवार को कसोल में रुके थे। गुरुद्वारा से माथा टेकने के बाद उन्हें कुल्लू आना था। इस दौरान रास्ते में सुमारोपा के पास पार्वती नदी के किनारे कुछ देर आराम फरमाने उतर गए। कुछ ही देर बाद अचानक पेड़ गिर गया और मां- बेटी की पेड़ की चपेट में आने से मौत हो गई। ऐसे में ससुर और दामाद दोनों के सामने ही अपने जीवन साथी को सदा-सदा के लिए को दिया। 

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