
चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत के मामले में छुट्टी पर भेजे गए शिमला के एसपी संजीव गांधी ने त्रुटियों को दुरुस्त करके नए सिरे से हाईकोर्ट में एलपीए दायर कर दी है। सोमवार देर शाम उनकी ओर से पहले दायर एलपीए में त्रुटियां ठीक की गई। अपील पहले एसपी के नाम से थी, अब इसे संजीव गांधी के नाम से किया गया है। उनकी अपील को एक-दो दिन में डबल बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया जा सकता है। अपील में मांग की गई है कि विमल नेगी मामले की जांच हाईकोर्ट की देखरेख में एसआईटी या स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए।
इसमें उन्होंने एसआईटी को बिना सुने केस सीबीआई को सौंपने पर भी सवाल उठाए हैं। याचिका में कहा है कि एसआईटी को डीजीपी की ओर से दायर हलफनामे में जवाब दायर करने का मौका तक नहीं दिया। एकल जज की ओर से इसे अनदेखा किया गया। गांधी ने 30 मई को एलपीए दायर कर जांच सीबीआई को सौंपने वाले एकल जज के फैसले को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट की रजिस्ट्री ने इस पर आपत्ति लगाई थी। दायर अपील में मेमो ऑफ पार्टी में बदलाव किया गया।
इन बिंदुओं पर गांधी ने दायर की एलपीए
एलपीए में गांधी ने आंशका जताई है कि केंद्रीय एजेंसी उनके खिलाफ दुर्भावना से कार्रवाई कर रही है। वह विधायकों की खरीद-फरोख्त जैसे मामले की भी जांच कर रहे हैं। वर्ष 2023 में शिमला में एक भोजनालय में हुए विस्फोट के मामले में भी उन्हें एनएसजी के जरिये फंसाने की कोशिश की जा चुकी है। भोजनालय में साधारण गैस रिसाव से हुए विस्फोट को आतंकी घटना के रूप में पेश करने का प्रयास किया गया था। जबकि जांच में मामला गैस रिसाव से जुड़ा साबित हो चुका है।