पुख्ता सबूत मिले तो बढ़ सकती हैं SIT की मुश्किलें, सीबीआई की दो टीमें कर रहीं रिकॉर्ड स्टडी

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Vimal Negi Case If concrete evidence is found SIT problems may increase two CBI teams are studying the records

पावर काॅरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में सीबीआई की शुरुआती जांच में शिमला पुलिस की एसआईटी की तफ्तीश में विरोधाभास सामने आया है। सीबीआई कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) के आधार पर मामले में कार्रवाई कर सकती है। पुख्ता सबूत मिलने पर एसआईटी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

विमल नेगी का शव बिलासपुर के तलाई थाना क्षेत्र में बरामद हुआ था। शिमला पुलिस की एसआईटी ने स्थानीय मछुआरों की मदद से शव बरामद किया था। शिमला पुलिस की एसआईटी ने शव से पेन ड्राइव बरामद करने में कथित तौर पर लापरवाही बरती। डीजीपी की ओर से हाईकोर्ट में सौंपे गए हलफनामे में भी पेन ड्राइव की बरामदगी को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। पेन ड्राइव को फॉर्मेट क्यों किया गया, इसकी कोई जानकारी दर्ज नहीं है।

पेन ड्राइव से कितने डाॅक्यूमेंट प्राप्त किए गए और कितने खराब हो गए, इसे लेकर भी स्थिति साफ नहीं है। सीबीआई इन सवालों के जवाब तलाश रही है। एसआईटी के सदस्यों की कॉल डिटेल रिकाॅर्ड के आधार पर सीबीआई यह जानने का प्रयास कर रही है कि विमल नेगी का शव बरामद होने पर मौके पर कौन-कौन मौजूद था। एसआईटी ने स्थानीय थाने को कब शव मिलने की जानकारी दी और शव की तलाशी (सर्च) के दौरान नियमों का पालन क्या गया या नहीं इन बिंदुओं पर सीबीआई जांच कर रही है।

सीबीआई की दो टीमें कर रहीं रिकॉर्ड स्टडी
सीबीआई की दो टीमें एसपी ऑफिस शिमला से जब्त किए गए रिकॉर्ड को स्टडी कर रही हैं। रिकॉर्ड के आधार पर घटना की कड़ियां जोड़ी जा रही हैं। ग्रैंड होटल में सीबीआई के कैंप ऑफिस में दो टीमें इसी काम में लगाई गई हैं।

किरण नेगी से घटना की जानकारी ले सकती हैं सीबीआई
सीबीआई की टीम इसी हफ्ते विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी से पूरे घटनाक्रम को लेकर जानकारी प्राप्त कर सकती है। सूचना है कि मंगलवार को विमल नेगी के भाई से भी सीबीआई ने मामले को लेकर जानकारी प्राप्त की है।

पहले जांच में की लीपापोती, अब किसके दबाव में हैं एसपी : मंच
 विमल नेगी जनजातीय न्याय मंच के कार्यकारी अध्यक्ष भगत सिंंह ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में प्रदेश सरकार और एसपी शिमला की भूमिका पर सवाल उठाए। कहा कि एसआईटी शिमला की रिपोर्ट में कहानियां गढ़ी गई हैं और मेडिकल रिपोर्ट देने का काम एसपी शिमला ने किया है। समझ नहीं आ रहा कि एसपी शिमला की क्या विवशता है या वह किस दबाव में काम कर रहे हैं। उन्होंने पहले रिपोर्ट में लीपापोती की। एसआईटी की जांच में विमल नेगी 10 से 13 मार्च तक कहां रहे, इसको लेकर कुछ भी सामने नहीं आया है और न ही लैपटॉप और मोबाइल बरामद हो पाया है। यह किस षड्यंत्र के तहत किया जा रहा है और अब एसपी शिमला ने व्यक्तिगत तौर पर सीबीआई की जांच के एकल पीठ के फैसले को एलपीए के माध्यम से चुनौती दी है। इससे कई सवाल खड़े होते हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि एसपी शिमला पहले दिन से ही विमल नेगी के मामले में तथ्यों को तोड़-मरोड़ रहे थे। आरोप लगाया कि विमल नेगी की योजनाबद्ध तरीके से हत्या की गई है। प्रदेश सरकार ने चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत के मामले में एफआईआर दर्ज करवाने में कोई मदद नहीं की है। विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी की शिकायत पर यह कानूनी कार्रवाई अमल में लाई गई है। जिस तरह से पूरे मामले में अप्रत्यक्ष रूप से सरकार की भूमिका संदेह के घेरे में थी, ऐसे संभव नहीं था कि मामले में सरकार निष्पक्ष जांच करेगी। 8 अप्रैल को अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ने जांच रिपोर्ट सौंपी, लेकिन इसके बावजूद परिजनों को जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी गई। मजबूरी में परिजनों को अदालत के माध्यम से जांच की रिपोर्ट को मांगना पड़ा। इस रिपोर्ट में सामने आया है कि एचपीपीसीएल भ्रष्टाचार का दलदल बना हुआ है। इसके बावजूद सरकार ने रिपोर्ट को बदलवाने की कोशिश की। भगत सिंंह ने कहा कि सरकार की बात नहीं मानने पर छुट्टी पर भेजकर और सभी विभाग वापस लेकर ओंकार शर्मा को प्रताड़ित किया जा रहा है।

कांग्रेस नेता लगा रहे व्यक्तिगत आरोप : राजेंद्र
विमल नेगी के मामा राजेंद्र नेगी ने कहा कि मुझ पर व्यक्तिगत आरोप लगाए गए। कहा कि 25 मई को कैबिनेट मंत्री किन्नौर जाते हैं, तो उनके एक शुभचिंतक का बयान आया कि विमल नेगी के मामा चौपाल के विधायक बलबीर सिंह वर्मा के खास आदमी हैं और बीजेपी के हैं। कहा कि वह सैनिक हैं और उनका किसी पार्टी से कोई संबंध नहीं है। वह अपने भांजे को न्याय दिलवाने के लिए लड़ रहे हैं। आरोप लगाया कि जगत सिंह नेगी का पहले ही दिन से उनका कोई सहयोग नहीं मिला। सरकार साथ देती तो हम उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने पर मजबूर नहीं होते।

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