
पांगी में जंगली साग खाने से सात लोगों की तबीयत बिगड़ गई। चार लोग उपचार के लिए किलाड़ अस्पताल में भर्ती किए गए हैं जबकि, तीन लोग जंगल में लापता हो गए हैं। इनकी तलाश करने के लिए सर्च अभियान चलाया गया है। तीन दिन पहले धनाला के पास जंगल में वन निगम के ठेकेदार की लेबर ने जंगली साग खा लिया। इसको खाते ही वह अजीबो गरीब हरकतें करने लगे और यहां-वहां भागने लगे। दूसरे मजदूरों ने चार लोगों को पकड़ कर किलाड़ अस्पताल पहुंचाया। तीन लोग भागते-भागते जंगल में लापता हो गए हैं।
ठेकेदार ने लापता लोगों को लेकर पुलिस चौकी पुर्थी में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। लापता लोगों के परिजन उन्हें तलाश करने के लिए चंबा से पांगी पहुंच गए। पिछले तीन दिन से उन्हें तलाश किया जा रहा है। अभी तक उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। बताया जा रहा है कि रविवार रात इन लोगों ने जंगली साग खाया था। अस्पताल में भर्ती लोगों की पहचान राजकुमार पुत्र बेंसू राम निवासी गांव गगल डाकघर भांदल, देसराज पुत्र जय सिंह निवासी गांव सुधेल डाकघर चड़ी, जगदीश पुत्र तेज राम निवासी गांव घुटेल डाकघर भांदल और प्रीतम सिंह पुत्र जय सिंह निवासी गांव सुधेल डाकघर चड़ी के रूप में हुई है। नरेश राम पुत्र धर्म सिंह निवासी गांव सुधेल डाकघर चड़ी, जर्म सिंह पुत्र दया राम निवासी गांव बाड़का डाकघर रजेरा और ज्ञान चंद निवासी गांव जांघी लापता हैं।
कार्यकारी खंड चिकित्सा अधिकारी किलाड़ डॉ. विशाल शर्मा ने बताया कि जंगली साग खाने से बीमार हुए चार लोगों को उपचार के लिए लाया गया था। उनके शरीर से जहर निकाल दिया है। चारों की हालत खतरे से बाहर है।
किलाड़ थाना प्रभारी जोगिंद्र सिंह जरयाल ने बताया कि जंगली साग खाने से सात लोग अपने आपे से बाहर हो गए। इनमें चार लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। तीन लोग लापता हैं, जिन्हें तलाश करने के लिए पुलिस स्थानीय लोगों के साथ सर्च अभियान चला रही है।