
मौसम विभाग के ऑरेंज अलर्ट के बीच बुधवार को हिमाचल में आसमान से कहर बरपा। हालांकि, आज माैसम खुलने से कुछ राहत मिली है। लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान तेज कर दिया गया है। सैंज में जीवानाला में बादल फटने से हुई तबाही के बाद गुरुवारी को पिन पार्वती नदी का जलस्तर कम हो गया है। ऐसे में यहां बिहाली गांव में लापता तीन लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू दल घटनास्थल पर पहुंचा। एनडीआरएफ की एक टीम भी पहुंची है। मौसम साफ होने पर लोगों ने भी राहत की सांस ली है। बुधवार को धर्मशाला और कुल्लू में पांच जगह बादल फटने से भारी तबाही के बीच दो लोगों की मौत हो गई, जबकि नौ लोग लापता हैं।
नाले में आई बाढ़ से बकरथाच में फंसे 50 पर्यटकों-ट्रैकरों को सुरक्षित बचाया
कुल्लू। बकरथाच से प्रशासन से 50 पर्यटक ट्रैकरों को सुरक्षित बचाया है। यह सभी भारी बारिश के बाद बकरथाच में फंस गए थे। यहां एक नाले में बाढ़ आने के चलते 50 ट्रैकरों को रात बकरथाच में बितानी पड़ी। सुबह के समय प्रशासन ने इन्हें रेस्क्यू किया। उपायुक्त तोरुल एस रविश ने कहा कि 27, 28 को ऑरेंज अलर्ट है, पर्यटकों से अपील की है कि मौसम को देखते हुए सफर करें और नदी-नालों के समीप न जाएं।
धर्मशाला के खनियारा में बादल फटने से मनूणी खड्ड में आई बाढ़ में सोकणी दा कोट में निर्माणाधीन बिजली प्रोजेक्ट में कार्यरत आठ मजदूरों के बहने की आशंका है। इनमें दो के शव बरामद कर लिए हैं। एनडीआरएफ को बुला लिया है। बचाव अभियान जारी है। बाढ़ से प्रोजेक्ट को क्षति हुई है। इस प्रोजेक्ट में काम करने वालों में ज्यादातर लोग जम्मू-कश्मीर और चंबा के हैं। कांगड़ा के उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि खड्ड में अत्यधिक पानी आने से प्रोजेक्ट के आठ श्रमिकों के बहने की सूचना है। कुल्लू जिले में चार जगह सैंज के जीवानाला, गड़सा के शिलागढ़, मनाली के स्नो गैलरी और बंजार के होरनगाड़ में बादल फटने से आई बाढ़ ने भारी तबाही मचा दी। इससे आठ गाड़ियां, 10 छोटे पुल और एक बिजली प्रोजेक्ट वह गया। सैंज के रैला बिहाल में बादल फटने से तीन लोग बह गए हैं। सैंज घाटी के शैशर, शांघड़ और सुचैहन पंचायत क्षेत्रों में 150 से अधिक पर्यटक वाहनों के साथ सैकड़ों पर्यटक फंस गए। होरनगाड़ में बादल फटने से आई बाढ़ से बंजार-बठाहर सड़क पर बना पुल और एक वाहन बह गया। सरकारी प्राथमिक विद्यालय में मलबा घुसने पर स्थानीय लोगों ने विद्यार्थियों को रेस्क्यू किया। कुल्लू की गड़सा घाटी में हुरला नाला, पंचा नाला और मनिहार नाला में पैदल पुल के साथ 10 छोटे पुल बह गए हैं।
171 सड़कें बंद, 550 ट्रांसफार्मर ठप
भारी बारिश से कुल्लू, मंडी और कांगड़ा में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश-भूस्खलन से औट-बंजार-सैंज नेशनल हाईवे समेत प्रदेश में 171 सड़कें अवरुद्ध और 550 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हो गए हैं। बुधवार को गगल हवाई अड्डा पर चार विमान उत्तरे, लेकिन दिल्ली और शिमला के लिए दो उड़ानें रद्द हो गई। खराब मौसम के कारण शिमला और कुल्लू से कोई उड़ान नहीं हुई।
इतने दिन जारी रहेगा बारिश का दाैर
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने हिमाचल के कई स्थानों पर गुरुवार को भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया। 27, 28,1 व 2 जुलाई के लिए भी येलो अलर्ट जारी हुआ है। वहीं 29 व 30 जून के लिए राज्य में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। मौसम विभाग ने पांच जिलों चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर के कुछ क्षेत्रों में आज बाढ़ की भी चेतावनी जारी की है। बीते 24 घंटों के दाैरान पालमपुर में 76.6, बंजार 75.4, बैराज 55.0, धर्मशाला 40.1, नारकंडा 39.0, शिलारू 33.6, चंबा 32.0, ऊना 30.6, सराहन 28.4, बैजनाथ: 28.0, अंब 26.0 व रामपुर में 25.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
सीएम देर रात तक लेते रहे अपडेट
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू बादल फटने और भारी बारिश से से हुए नुकसान का स्थानीय प्रशासन से देर रात तक अपडेट लेते रहे। उन्होंने प्रशासन को प्रभावितों की तत्काल मदद करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावितों की हरसंभव मदद की जा रही है। मुख्यमंत्री देर राह तक संबंधित अधिकारियों के साथ संपर्क में रहे। वहीं सीएम ने पर्यटकों से आह्ान किया कि बिना डरे हिमाचल आएं और मानसून सीजन का आनंद उठाएं, लेकिन नदी-नालों के पास न जाने की सीएम ने सलाह दी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बादल फटने से हुए जानमाल के नुकसान पर दुख जताया है।
पंडोह डैम में गाद, डेहर पावर हाउस में विद्युत उत्पादन अस्थायी रूप से बंद, बीबीएमबी सतर्क
जिला कुल्ल में पिछले कल की भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के चलते ब्यास नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिससे पंडोह डेम के जलस्तर में भी इजाफा हुआ। हालांकि, फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं और स्थिति सामान्य बनी हुई है। बीबीएमबी सुंदरनगर के अधीक्षण अभियंता अजय पाल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार को बांध का जलस्तर 2,925 फीट रिकॉर्ड किया गया था। उस समय बांध में लगभग 33,000 क्यूसेक पानी आ रहा था और 29,000 क्यूसेक पानी डेम के गेटों के माध्यम से छोड़ा गया, जो कि सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा था। 2023 की बरसात में पंडोह डेम में लगभग 2 लाख क्यूसेक से भी ऊपर पानी की बहाव रिकॉर्ड किया गया था जिससे भारी नुकसान हुआ था। वहीं पंडोह बांध में भारी मात्रा में गाद आने के कारण बग्गी सुरंग के माध्यम से देहर पावर हाउस को जलापूर्ति बुधवार शाम 7:00 बजे से रोक दी गई है, जिससे विद्युत उत्पादन अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार जब तक बांध में गाद की मात्रा सामान्य नहीं हो जाती, तब तक सुरंग से पानी नहीं छोड़ा जा सकेगा। गुरुवार सुबह 10:00 बजे डैम का जलस्तर 2913 फीट मापा गया, जोकि खतरे के स्तर 2941 फीट से काफी नीचे है। इस समय डैम में लगभग 20,000 क्यूसेक पानी आ रहा है और इतनी ही मात्रा में आगे छोड़ा भी जा रहा है। डैम के सभी पांच गेट खुले हुए हैं ताकि जल का प्रवाह नियमित बना रहे।